तानिया शर्मा
भारत इलेक्ट्रिक कारों पर आयात शुल्क (Import Duty on Electric Cars) को घटाकर 40% तक लाने पर विचार कर रहा है। यह जानकारी दो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दी है। कुछ दिन पहले ही एलन मस्क (Elon Musk) की टेस्ला इंक (Tesla Inc) ने भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) पर इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की अपील की थी, जिसके बाद ऑटो उद्योग की कुछ कपंनियों ने टेस्ला का समर्थन किया था।
अधिकारियों के मुताबिक कार की लागत
अधिकारियों के मुताबिक कार की लागत, बीमा और माल ढुलाई सहित 40,000 डॉलर से कम मूल्य के आयातित इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर भारत में अभी इंपोर्ट ड्यूटी 60 फीसदी है। सरकार इसे घटाकर 40% तक लाने पर विचार कर रही है। 40,000 डॉलर से अधिक मूल्य के ईवी के लिए इंपोर्ट ड्यूटी को 100% से घटाकर 60% करने पर विचार हो रहा है। अधिकारियों में से एक ने कहा, “इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती होगी ही, इस बात की पुष्टि हम नहीं करते हैं लेकिन चर्चा चल रही है।” लगभग 30 लाख वाहनों की वार्षिक बिक्री के साथ भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा कार बाजार है। लेकिन यहां बेची जाने वाली अधिकांश कारों की कीमत 20,000 डॉलर से कम है।
इस शर्त पर शायद हो जाए कटौती
फिर भी सरकार ईवी पर आयात शुल्क में इस शर्त के साथ कटौती के पक्ष में हो सकती है अगर टेस्ला जैसी कंपनियां भारत की अर्थव्यवस्था को कुछ लाभ पहुंचाएं। उदाहरण के लिए स्थानीय रूप से वाहनों का निर्माण करना या फिर इस बात के लिए एक टाइमलाइन देना कि वे कब ऐसा करने में सक्षम होंगी। अधिकारी ने कहा, “आयात शुल्क कम करना कोई समस्या नहीं है क्योंकि देश में कई इलेक्ट्रिक वाहनों का आयात नहीं किया जाता है। लेकिन हमें इससे कुछ आर्थिक लाभ की जरूरत है। हमें घरेलू कंपनियों की चिंताओं के साथ भी संतुलन बनाना होगा।”
‘सशर्त आयात शुल्क में कटौती के पक्ष में है सरकार’
एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में वित्त मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय और नीति आयोग आयात शुल्क में कटौती के प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे हैं। दरअसल, इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी टेस्ला (Tesla) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने जुलाई में भारत सरकार को चिट्ठी लिखकर ई-कारों पर आयात शुल्क घटाकर 40 फीसदी करने का आग्रह किया था। सूत्रों के मुताबिक, सरकार टेस्ला जैसी कंपनियों के स्थानीय स्तर पर निर्माण कर घरेलू अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचाने की शर्त पर शुल्क में कटौती के पक्ष में है।
‘शुल्क कटौती से पहले देखने होंगे अपने फायदे’
अधिकारी ने कहा कि भारत में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहनों का आयात नहीं किया जाता है। ऐसे में केंद्र सरकार के आयात शुल्क में कटौती से बड़ी समस्या खड़ी नहीं होगी। हालांकि, इस पर कोई भी फैसला लेने से पहले सरकार को अपने आर्थिक लाभ देखने होंगे। साथ ही घरेलू निर्माताओं के हितों का भी पूरा ध्यान रखना होगा। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क में कटौती पर विचार हो रहा है न कि आयातित कारों की दूसरी श्रेणियों पर कोई चर्चा हो रही है। इसलिए यह घरेलू वाहन निर्माताओं के लिए चिंता का कारण नहीं बन सकता।