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अक्टूबर में मिल सकती है भारत को एनएसजी की सदस्यता

अक्टूबर में भारत को न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (एनएसजी) में जगह मिल सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के ठीक पहले बराक ओबामा भारत को एनएसजी में शामिल कराने के लिए नए सिरे से जोर लगाएंगे। वहीं दक्षिणी चीन सागर विवाद में फंसा चीन पिछली बार की तरह भारत का एकतरफा विरोध का जोखिम लेना नहीं चाहेगा।

दरअसल एनएसजी के सलाहकार समूह की बैठक अक्टूबर में प्रस्तावित है। इसी दौरान भारत की सदस्यता पर विचार के लिए 48 सदस्यीय एनएसजी के सभी देशों की विशेष बैठक बुलाई जा सकती है।

बराक ओबामा के नेतृत्व में अमेरिका ने इसके लिए प्रयास शुरू कर दिया है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए चुनाव होना है। इसके पहले अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में ओबामा भारत की एनएसजी में सदस्यता सुनिश्चित करा लेने की कोशिश करेंगे।

जानकारों की माने अक्टूबर में भारत की एनएसजी की सदस्यता के लिए अंतरराष्ट्रीय माहौल अनुकूल होगा। दक्षिणी चीन सागर विवाद में अंतरराष्ट्रीय पंचाट के फैसले से चीन दबाव में है। चीन ने भारत को स्पष्ट संकेत किया था कि एनएसजी जैसे मुद्दों पर साथ के लिए उसे भी चीन के प्रति नरम रवैया अपनाना चाहिए। शायद यही कारण है कि दक्षिणी चीन सागर मुद्दे पर भारत की ओर सधी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई थी।

गौरतलब है कि जून महीने में अकेले चीन के प्रबल विरोध के कारण भारत की सदस्यता खतरे में पड़ गई थी। उस समय भारत ने चीन को आड़े हाथों लिया था और अमेरिका में भी स्पष्ट शब्दों में इसके परिणाम भुगतने की चेतावनी तक दे दी थी। दक्षिणी चीन सागर विवाद में अलग-थलग पड़ा चीन अक्टूबर में भारत की सदस्यता का वैसा विरोध नहीं कर पाएगा, जैसा उसने जून में किया था।

इसके अलावा सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में पूरी दुनिया के राष्ट्राध्यक्ष अमेरिका में होंगे। इसके साथ ही जी-20 की बैठक भी अमेरिका में ही सितंबर में प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दोनों बैठकों में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वे एनएसजी के सदस्य देशों से राष्ट्राध्यक्ष से अलग से मुलाकात कर नए सिरे समर्थन जुटाने की कोशिश करेंगे। वैसे जून में एनएसजी की बैठक के पहले ही वे चीन समेत सभी अहम देशों के राष्ट्राध्यक्ष से मिल चुके हैं। उम्मीद की जा रही है कि अमेरिकी दबाव और भारत की कोशिशें अक्टूबर में एनएसजी सदस्यता के लिए रंग ला सकती है।

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