Breaking News
Home / biyani times / भारत समेत 35 देश मिलकर तैयार कर रहे ‘सूरज’, जानें क्या है इसकी ख़ासियत

भारत समेत 35 देश मिलकर तैयार कर रहे ‘सूरज’, जानें क्या है इसकी ख़ासियत

फ्रांस में दक्षिण के पहाड़ी इलाके में दुनियाभर में साफ और स्वच्छ ऊर्जा के स्रोतों को हासिल करने के लिए सूरज बनाने की तैयारी चल रही है। इस काम में भारत समेत 35 देशों के वैज्ञानिक शामिल हैं। जब ये सूरज तैयार हो जाएगा, तब मानव इतिहास का ऊर्जा का सबसे बड़ा संकट खत्म हो जाएगा। साथ ही जलवायु परिवर्तन के कहर से जूझ रही धरती को भी संकट से मुक्ति मिल जाएगी।

इस सूरज से एक ग्राम परमाणु ईंधन से 8 टन तेल के बराबर ऊर्जा बनेगी। वैज्ञानिक परमाणु संलयन (न्यूक्लियर फ्यूजन) पर अपनी बादशाहत हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। न्यूक्लियर फ्यूजन वही प्रक्रिया है जो हमारे असली सूरज और अन्य सितारों में प्राकृतिक रूप से होती है।

हालांकि, यह प्रक्रिया धरती पर दोहराना आसान नहीं है। न्यूक्लियर फ्यूजन के जरिए जीवाश्म ईंधन के विपरीत असीमित ऊर्जा मिलती है। इसमें जरा भी ग्रीन हाउस गैस नहीं निकलती है। इससे रेडियो एक्टिव कचरे से भी मुक्ति मिलने की उम्मीद है।

10 साल से चल रहा काम
वैज्ञानिक पिछले 10 सालों से एक विशेष प्रकार का मैग्नेट तैयार करने में जुटे हैं, जो विशालकाय मशीन इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (आईटीईआर) का हिस्सा है। साथ ही इस मैग्नेट का नाम सेंट्रल सोलेनॉयड रखा गया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ये मैग्नेट प्लाज्मा में शक्तिशाली करंट का प्रवाहित करेगा। जिससे इस फ्यूजन रिएक्शन को कंट्रोल करने में और शेप करने में काफी मदद मिलेगी। इसके साथ ही एक स्वच्छ ऊर्जा का निर्माण होगा।

इस मैग्नेट की लंबाई 59 फीट और व्यास एक फीट है। जिसका कुल वजन 1000 टन के आसपास होगा। बात करें इसकी ताकत की तो ये पृथ्वी के मैग्नेटिक फील्ड से 2 लाख 80 हजार गुना ज्यादा शक्तिशाली है। साथ ही उसके अंदर 1000 फीट लंबे और 1 लाख टन के एयरक्राफ्ट को 6 फीट तक हवा में उठाने की क्षमता है।

नहीं होगा प्रदुषण
इसके ताकत की बात करें, तो इसमें हाइड्रोजन प्लाज्मा को 150 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक हीट किया जा सकता है, जो सूरज के भीतरी भाग से 10 गुना ज्यादा गर्म होगा। सबसे खास बात तो ये है कि इस मशीन के चलने से ना तो ग्रीनहाउस गैस (कार्बन डाई आक्साइड, नाइट्रस आक्साइड, मीथेन आदि) का उत्सर्जन होगा और ना ही इससे रेडियोएक्टिव कचरा निकलेगा। जिससे प्रदूषण को काफी हद तक कम करके स्वच्छ ऊर्जा बनाई जाएगी। इन्हीं सब खासियतों को देखते हुए इसे पृथ्वी का सूरज कहा जा रहा है।

 

Check Also

बियानी ग्रुप ऑफ कॉलेजेज में होली सेलिब्रेशन का हुआ आयोजन

Share this on WhatsAppराइटर : अनुष्का शर्मा जयपुर। विद्याधर नगर स्थित बियानी ग्रुप ऑफ कॉलेजेज …

Gurukpo plus app
Gurukpo plus app