भारतीय टेक कंपनियों में पूंजी लगाना निश्चित रूप से बेहद आकर्षक है। इन दिनों टेक कंपनियों में विदेशी धन की बाढ़ आ गई है। ई कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने अभी हाल में रिकॉर्ड 26 हजार 797 करोड़ रुपए जुटाए हैं। फूड डिलीवरी कंपनी जोमेटो के शेयर ओवर सब्सक्राइब्ड रहे। पेमेंट कंपनी पेटीएम भी जल्द बाजार में आने वाली है। दरअसल, चीन के प्रति झुकाव कम होने से भारत में नए निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। विदेशियों के लिए चीन के मुकाबले भारत अधिक युवा और खुला है। लेकिन, पास से देखने पर वह इस पैमाने पर पूरी तरह खरा नहीं उतरता है। कुछ खूबियों के बावजूद यहां कारोबार चलाने में कई मुश्किलें हैं।
आजीविका कमाने के लिए भारत कठिन जगह है। छोटी सी किराना दुकान के हर संचालक को इतनी बाधाओं का सामना करना पड़ता है कि अमीर देशों के एमबीए शिक्षित मैनेजर धराशायी हो जाएं। फिर भी, भारत का कठिन कारोबारी माहौल एक अलग किस्म का व्यावसायिक जोशखरोश और प्रेरक स्थिति पैदा करता है। इसकी झलक उसके अच्छे स्टार्टअप में दिखाई देती है। बेंगलुरू के एक टेक इन्वेस्टर कहते हैं, भारत में कंप्यूटिंग की प्रतिभा पेटेंट स्तर की टेक्नोलॉजी की बजाय डिजाइन में है। यदि वेंचर कैपिटल जुड़ जाए और तकदीर साथ दे तो ऐसी कंपनी सामने आती है जो भारत और उसके बाहर प्रतिस्पर्धी हो सकती है।
Source- Dainik Bhaskar
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