अगर आपका ब्लड प्रेशर अक्सर लो हो जाता है तो आपको इस स्थिति को हल्के में नहीं लेना चाहिए। बीपी ज्यादा कम होने पर ऑर्गन फेलियर से लेकर दिल का दौरा पड़ने जैसी खतरनाक स्थिति पैदा हो सकती है। इससे ऑर्गन फेल भी हो सकता है और दिल का दौरा पड़ने जैसी गंभीर परिस्थित भी हो सकती है।
जाने क्या है इसके कारण और लक्षण
ब्लड प्रेशर कम होने की वजह डीहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी, जिसके कारण लंबे समय तक नॉज़िया, वॉमिटिंग या डायरिया जैसी समस्याएं हो जाती हैं। ज्यादा एक्सरसाइज, शारीरिक श्रम या लू लगने के कारण भी ऐसा हो सकता है। इससे दृष्टि में धुंधलापन और बेहोशी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। ज्यादा खून बहने से भी ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। चाहे यह ब्लीडिंग किसी एक्सीडेंट या ऑपरेशन की वजह से हो या किसी और कारण से। कई बार डिलीवरी के बाद भी खून की कमी से स्त्रियों में ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है।
जब थायरॉयड ग्लैंड से हॉर्मोन का सिक्रीशन कम हो जाता है तो ऐसी स्थिति में भी लो बीपी की समस्या हो सकती है। दिल की मांसपेशियां कमजोर होने की स्थिति में भी हार्ट बहुत कम मात्रा में खून को पंप कर पाता है। इससे शरीर में रक्त-प्रवाह धीमी गति से होता है और व्यक्ति का ब्लड प्रेशर लो हो जाता है। इससे हार्ट अटैक और दिल में इंफेक्शन का भी खतरा बढ़ जाता है। हार्ट की आर्टरीज़ में ब्लॉकेज होने के अलावा दिल की धड़कन धीमी होने की वजह से भी ब्लड प्रेशर लो हो जाता है।
क्या है बचाव
वैसे व्यक्ति कुछ एहतियात बरते तो लो बीपी की स्थिति से बच सकता है जैसे खाने में नमक की मात्रा बहुत कम न रखें। शरीर के बीपी को मेनटेन रखने में नमक अहम भूमिका निभाता है। दिनभर में 8 ग्लास पानी या किसी अन्य तरह का लिक्विड इनटेक जरूर रखें, ताकि शरीर हाइड्रेट बना रहे। झटके से नीचे से ऊपर की ओर उठने से बचें।दवाई डॉक्टर की सलाह पर ही लें। खाने में सब्जियों व फलों को ज्यादा शामिल करें।हाई कार्ब वाले खाने से बचें। अगर आपको किसी ड्रग से रिऐक्शन है तो इससे भी बीपी गड़बड़ हो सकता है। ज्यादा मेंटल या फिजिकल स्ट्रेस लेने से बचें।सिगरेट व शराब का सेवन न करें।