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NRI द्वारा विदेश से वोट डाल पाने का प्रस्ताव

NRI देश में होने वाले चुनावों में पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाल सकेंगे। इसका प्रस्ताव चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय के सामने रखा है। अगर ये प्रस्ताव पास हो जाता है तो इसी साल अप्रैल-मई में असम, पुड्डुचेरी, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनावों में NRI पोस्टल बैलेट से वोटिंग कर सकेंगे।

 चुनाव आयोग का प्रस्ताव

27 नवंबर को चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय के सामने ये प्रस्ताव रखा था। इसमें कहा गया कि विदेशों में रहने वाले भारतीय वोटरों के लिए भी पोस्टल बैलेट की फैसिलिटी हो, ताकि वो 2021 में होने वाले विधानसभा चुनावों में विदेश से ही वोट डाल सकें। इसके लिए कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स, 1961 में बदलाव करने की जरूरत होगी।

अभी पोस्टल बैलेट की सुविधा सर्विस वोटर्स को मिलती है। सर्विस वोटर यानी चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी, सेना के जवान या फिर विदेशों में काम करने वाले सरकारी अधिकारी होते हैं। ये लोग इलेक्ट्रॉनिकली या पोस्ट के जरिए वोटिंग करते हैं।

पिछले साल कोरोनाकाल में बिहार में चुनाव हुए तो ये सुविधा 80 साल या उससे अधिक उम्र के बुजर्गों, दिव्यांगों, कोरोना संक्रमितों और क्वारैंटाइन किए गए लोगों को भी मिली थी।

NRI वोटर अभी कैसे वोट करते हैं?

2010 से पहले विदेशों में रहने वाले भारतीयों को वोटिंग का अधिकार नहीं था। उस समय तक ये नियम था कि अगर कोई भारतीय छह महीने से ज्यादा विदेश में रह रहा है, तो उसका नाम वोटर लिस्ट से हट जाएगा।

बाद में 2010 में रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट में संशोधन किया गया। इसके बाद NRI को भी वोटिंग का अधिकार मिल गया, लेकिन इसमें भी एक शर्त थी कि NRI को वोट डालने के लिए पोलिंग स्टेशन पर आना होगा।

रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट का सेक्शन-20A कहता है कि वोट डालने के लिए व्यक्ति को पोलिंग स्टेशन जाना होगा। 2017 में सरकार इसी बाधा को हटाने के लिए कानून लेकर आई थी। 2018 में यह बिल लोकसभा से पास भी हो गया था, लेकिन 2019 में लोकसभा का कार्यकाल खत्म हो गया और प्रस्ताव अधर में लटक गया।

सरकार के इस प्रस्ताव में था कि जो भारतीय विदेश में रह रहे हैं, उनकी जगह उनका कोई सगा-संबंधी यहां वोट डाल सके। इसे प्रॉक्सी वोटिंग नाम दिया गया था।

चुनाव आयोग का प्रस्ताव अगर पास हो जाता है, तो NRI वोट कैसे डालेंगे?

चुनाव आयोग के नए प्रस्ताव

चुनाव आयोग के नए प्रस्ताव के मुताबिक जिस तरह से अभी सर्विस वोटर इलेक्ट्रॉनिकली ट्रासमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम यानी ETPBS के जरिए वोट डालते हैं, उसी सिस्टम से NRI भी वोट डालें। भारत में 2016 से ही सर्विस वोटर को पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डालने की इजाजत मिली है।

ETPBS के जरिए Qसर्विस वोटर को पहले पोस्टल बैलेट भेज दिया जाता है। उसके बाद सर्विस वोटर इसे डाउनलोड कर अपना वोट करते हैं।

इसके बाद इसे ईमेल के जरिए या पोस्ट के जरिए रिटर्निंग ऑफिसर को भेज देते हैं। पोस्टल बैलेट काउंटिंग वाले दिन सुबह 8 बजे से पहले भेजा जाना जरूरी है।

अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है। तो विदेश में रह रहे भारतीयों को चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने के कम से कम पांच दिन के भीतर ETPBS के जरिए वोट देने की जानकारी रिटर्निंग ऑफिसर को देनी होगी।

बाद की प्रक्रिया 

इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर ETPBS के जरिए NRI वोटरों को बैलेट भेजेगा। इसके बाद NRI वोटर बैलेट पर अपना वोट डालेगा और सेल्फ अटेस्टेड करके उसे दोबारा भेजेगा। हालांकि, इस मामले में NRI को इंडियन एम्बेसी या कॉन्सुलेट के किसी अधिकारी को पोस्टल बैलेट भेजना होगा। इसके बाद यहां से ही रिटर्निंग ऑफिसर के पास भेजा जाएगा। 

 

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