मोदी आज ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस का करेंगे उद्घाटन

राधिका अग्रवाल

 

प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी आज ग्लोबल मिलेट्स (मोटा अनाज) कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम सुबह 11 बजे दिल्ली के इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर ( IARI) कैंपस में होगा।इसके साथ ही  प्रधानमंत्री बायर सेलर मीट और प्रदर्शनी का भी उद्घाटन करेंगे और कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। कॉन्फ्रेंस 19 मार्च को खत्म होगा।ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस के मद्देनजर यह साल भारत के लिए बहुत ही अहम माना जा रहा है, क्योंकि भारत 2023 में G20 की मेजबानी कर रहा है। सरकार ने मिलेट्स को G20 बैठकों का  एक हिस्सा बनाया है।

ग्लोबल मिलेट्स है क्या ?

मिलेट्स को मोटा अनाज भी कहा जाता है। इसमें मुख्य रूप से ज्वार, बाजरा, रागी जैसे अनाज आते हैं। केंद्र सरकार के आह्वान पर ही यूनाइटेड नेशन 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के रूप में मना रहा है। ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस भी इसी कड़ी का एक अहम हिस्सा बनने जा है।भारत सरकार किसानों को खेती के लिए प्रोत्साहित कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। साथ ही आम लोगों को मिलेट्स के प्रति जागरूक करने की दिशा दिखने के प्रयास में तेजी से काम कर रही है।

मिलेट्स को इंटरनेशनल स्तर पर मिलेगा बढ़ावा :-

इस कार्यक्रम से मिलेट्स को इंटरनेशनल स्तर पर बढ़ावा मिलने वाला है। देश के छोटे किसानों के लिए इसे काफी लाभदायक  बताया जा रहा है। इसी संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी ने भी कहा है- मिलेट्स को ग्लोबली पहचान मिलने का मतलब है कि हमारे छोटे किसानों के लिए ग्लोबल मार्केट  तैयार हो। इसके जरिए भारत को अब मिलेट्स को पूरे विश्व में फूड एंड न्यूट्रिशन सिक्योरिटी सुनिश्चित करने की अपनी बड़ी क्षमता को दिखाने का भी अवसर मिलेगा। इसलिए यह भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। मिलेट्स उत्पादन में भारत का विश्व में पहला स्थान है। इसी के साथ ही अब भारत विश्व में अपनी खास पहचान बनाने के पूरे जोर से प्रयास कर रहा है।

भारत सरकार का लक्ष्य :-

अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 को किसानों, उपभोक्ताओं के समग्र लाभ और जलवायु के लिए एक जन आंदोलन बनाना है। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने आईवाईएम 2023 के लक्ष्यों को हासिल करने और भारत को ‘मोटे अनाजों के वैश्विक केंद्र’ के रूप में स्थापित करने के लिए बहु-हितधारक सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया है। इसमें किसानों, स्टार्ट-अप, निर्यातकों, खुदरा व्यवसायों, होटल संघों तथा भारत और विदेशों में सरकार के विभिन्न अंगों को शामिल किया गया है। वर्ष 2023 मोटे अनाजों को अपनाने और बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साल भर चलने वाले अभियान और अनेक गतिविधियों का साक्षी बनेगा।

भारत श्री अन्न का वैश्विक केंद्र बनने के प्रयास में :-

पूसा कृषि विश्वविद्यालय परिसर में होने वाला वैश्विक सम्मेलन मोटे अनाजों की खेती, पोषण, बाजार एवं अनुसंधान के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने पहले ही 2023 को मिलेट वर्ष घोषित कर रखा है। भारत श्रीअन्न का वैश्विक केंद्र बनने के प्रयास में है। जागरूकता के लिए सभी मंत्रालयों, राज्यों, किसानों, स्टार्टअप के साथ निर्यातकों की भूमिका तय की जा रही है।

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