प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान कर दिया। पीएम ने इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज नाम दिया है। इस आत्मनिर्भर भारतआर्थिक पैकेज मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है, क्योंकि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण सुक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों पर बहुत बुरा असर पड़ा है। इस आर्थिक पैकेज से गरीब मजदूरों, कर्मचारियों के साथ ही होटल तथा टेक्सटाइल जैसी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को फायदा होगा।प्रधानमंत्री मोदी 12 मई को 54 दिन में पांचवीं बार देश के सामने आए। अपने संबोधन में उन्होंने चार अहम बातें कहीं। पहली- देश को आत्मनिर्भर बनना होगा। दूसरी- आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया जाएगा। तीसरी- आत्मनिर्भर बनने की राह में हमें लोकल प्रोडक्ट्स को अपनाना होगा। चौथी- लॉकडाउन का चौथा फेज आएगा, पर यह नए रंग-रूप और नए नियमों वाला होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि हम पिछली शताब्दी से ही सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है, लेकिन कोरोना ने हमें वैश्विक व्यवस्थाओं को विस्तार से देखने-समझने का मौका दिया है.
अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि आपने महसूस किया होगा कि बीते 6 सालों में जो रिफॉर्म हुए हैं उनके कारण आज संकट के इस समय भारत की व्यवस्थाएं अधिक सक्षम नजर आई हैं, वरना कौन सोच सकता था कि भारत सरकार जो पैसे भेजेगी वो पूरा का पूरा गरीब और किसान की जेब में पहुंच पाएगा। लेकिन यह हुआ। वह भी तब हुआ जब तमाम सरकारी दफ्तर बंद थे।लॉकडाउन के दौर में भारत दुनिया का पांचवां ऐसा देश बन गया है, जिसने अपनी जीडीपी का 10% या उससे ज्यादा हिस्सा आर्थिक पैकेज के तौर पर दिया है। भारत से पहले जापान अपनी जीडीपी का 21%, अमेरिका 13%, स्वीडन 12% और जर्मनी 10.7% के बराबर का आर्थिक पैकेज घोषित कर चुके हैं।
Tags आत्मनिर्भर भारत
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