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अभी और भी सर्जिकल स्ट्राइक अपेक्षित हैं

गत माह के अंक में हमने चर्चा की थी हमारे देश में कई बड़ी आंतरिक सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत है। मोदी सरकार की ओर से ब्लैकमनी के खिलाफ आंतरिक सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में ५०० और १००० रूपए के नोटों को बंद कर देने का फैसला इसी दिशा में लिया गया एक साहसिक फैसला है। किसी ने सच ही कहा है कि अगर इच्छाशक्ति दृढ़ हो व इरादा नेक हो तो असभव कार्य भी सम्भव होते नजर आते है। इमरजेंसी के फैसले के बाद स्वतंत्र भारत में यह दूसरा ऐतिहासिक फैसला रहा है। वर्ष १९९१ में आर्थिक सुधार,प्राइवेटाइजेशन व लाइसेंस राज प्रणाली समाप्त करने के निर्णय के बाद बहुत तेजी से आर्थिक समृद्धि बढऩे लगी है और तेजी से ब्लैकमनी बढऩे लगी। अगर देश में उजागर हुए १० सबसे बड़े भ्रष्टाचार के मामलों की एक तालिका, जिसे बियानी टाइम्स के पेज संख्या-२ पर प्रकाशित किया जा रहा है, पर नजर डालें तो पायेंगे कि आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ गत २६ वर्षो में भ्रष्टाचार भी बहुत तेजी से बढ़ा है। आज शायद सफ लता का आधार आर्थिक सफ लता को ही समझ लिया गया है। इसलिए रूग्ण हो चुकी सामाजिक व्यवस्था में सबसे अहम सर्जिकल स्ट्राइक भ्रष्टाचार के खिलाफ ही होनी चाहिए थी और ऐसा ही हुआ।
एक बहुत ही अहम बात जो लिखना चाहूंगा कि अगर आज पीएम मोदी फिर इनकम डिसक्लोजर स्कीम (ढ्ढष्ठस्) कुछ समय के लिए पुन: खोल दें तो मुझे विश्वास है कि लगभग सभी ब्लैकमनी डिसक्लोज हो जायेगी व सरकार को टैक्स के रूप में लक्ष्य के अनुरूप भारी राजस्व मिल जायेगा।
हमारा मानना है कि दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में शिक्षा व न्याय के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता है। शिक्षा को व्यवहारिक बनाना होगा, शोध से जोडऩा होगा और मूल्य आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना होगा। इसके लिए शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे काम कर रहे संस्थानों को ऑटोनोमी दिया जाना एक सही फ ैसला साबित हो सकता है। मेडिकल व अन्य प्रोफेशनल शिक्षा के क्षेत्र में नियामक संस्थानों द्वारा निर्धारित नियमों में व्यवहारिक बदलाव की आवश्यकता है। न्याय मिलने में देरी ही अपराध बढऩे का मुख्य कारण रहती है। सरकारी स्कूल व कॉलेजों की जगह प्राइवेट स्कूल व कॉलेजों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए तथा स्किल डवलपमेंट पर तेजी से कार्य करने की आवश्यक ता है। जिस तरह शरीर में खराब सेल्स के मृत होने और उनकी जगह नए सेल्स के निर्माण की प्रक्रिया चलती है, ठीक उसी प्रकार रूग्ण हो चुके तंत्र सेे भ्रष्टाचार, बेरोजगारी व अपराध को हटाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में नये प्रयोग करने की आवश्यकता है।
हम सभी लोग अभी सीमा पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के फैसले की तारीफें और चर्चा कर ही रहे थे कि ब्लैक मनी के खिलाफ लिए गए इस अहम फ ैसले से सभी हतप्रभ हो गये हैं। मोटे तौर पर सभी आत्मचिंतन करते प्रतीत हो रहे हैं, यह वैसा ही है, जैसे शरीर के अंदर एक ऑपरेशन के बाद अच्छे स्वास्थ्य का अनुमान लगाया जा रहा हो। १३ नवम्बर को पीएम मोदी का भाषण, ‘‘मैंने घर परिवार सबकुछ देश के लिए छोड़ा है’’ सुनकर सभी भावुक हो गए। यह भाषण यूट्यूब में उनके सबसे अधिक देखे जाने वाले भाषण में से एक भाषण था जिसमें उन्होंने ना सिर्फ २० करोड़ जन-धन खाते व उनमें जमा हुए ४५ हजार करोड़ रूपये की चर्चा की बल्कि आगे १७ महीने में पिछले ७० साल से बड़ी हुई बीमारियों को मिटाने की बात कहकर दृढ़ राजनैतिक इच्छाशक्ति का परिचय दिया। अब जनधन खातों में स्वत: ही धन जमा होने का रास्ता खुल गया है।
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