अंजलि तंवर
सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ खेलते हुए चेन्नई सुपर किंग्स के कैप्टन महेंद्र धोनी एक बार फिर से अपने पुराने रंग में दिखे। विकेट के पीछे से अपने बॉलर्स को लगातार निर्देश देना हो, भागकर कैच पकड़ना हो या फिर छक्का मारकर मैच खत्म करना हो, मैच में उनके सभी पुराने रूप देखने को मिले। आइए एक-एक कर देखते हैं।
2011 के वर्ल्ड कप
ये धोनी का विजयी छक्का है। इसकी तुलना सोशल मीडिया में 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल के छक्के से की जा रही है। धोनी ने फैंस की डिमांड पर ये छक्का लगाया था। उस वक्त 3 गेंद में 2 रन चाहिए थे। धोनी स्ट्राइक एंड पर थे। उनको देखकर फैंस ने छक्के की मांग कर दी और धोनी ने जड़ भी दिया।
धोनी को काफी दिनों बाद पुल कर के पुराने अंदाज में चौका मारते हुए देखा गया। कमर की ऊंचाई तक आती गेंदों को पहले वे अक्सर बाउंड्री लाइन के बाहर भेजते थे। इस IPL में धोनी का वह रूप देखने को नहीं मिल रहा था। अब उन्होंने फिर से अपनी लय पा ली है।
रणनीति सफल
धोनी अक्सर कीपिंग करते हुए स्ट्रैटजी बनाते हैं। जब उनकी रणनीति सफल हो जाती है तो उनके आसपास के खिलाड़ी अचरज में पड़ जाते हैं। गुरुवार के मैच में एक मूवमेंट पर रैना और जडेजा धोनी की ओर देख रहे थे, क्योंकि माही ने जडेजा को कुछ तरकीब बताई थी जिससे 41 रन बनाकर खेल रहे सेट बैट्समैन आउट हो गए थे।
धोनी ने इस मैच में शुरुआत से ही इतना ज्यादा दबाव बना रखा था कि विरोधी खेमे को खुशी मनाने के बहुत कम मौके मिले। एक मौका ऐसा भी आया जब बॉल फेंकने के बाद हैदराबाद के राशिद खान अपनी जगह पर बैठे और अपनी हाथ की रेखाएं देखने लगे।