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400 छात्राओं को 10वाँ कल्पना चावला मेमोरियल अवार्ड देकर सम्मानित किया

विद्याधर नगर स्थित बियानी गर्ल्स कॉलेज में एक दिवसीय 10वाँ कल्पना चावला मेमोरियल पुरस्कार समारोह का उद्घाटन स्वर्गीय कल्पना चावला के पिता श्री बी.एल. चावला, एस.बी.बी.जे. बैंक की मैनेजर श्रीमती सरिता डक, बैंक के ए.जी.एम. श्री पी.एस यादव बियानी गर्ल्स कॉलेज की फाउन्डर श्रीमती पुष्पा बियानी, चेयरमैन श्री राजीव बियानी एवं निदेषक डॉ. संजय बियानी, प्रिसिंपल श्रीमती नीता माहेश्वरी एवं डीन डॉ. बी.डी. रावत ने सरस्वती माँ के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर किया। चेहरे पर चमक और मुस्कान के साथ विभिन्न स्कुलों की 400 प्रतिभावान छात्राओं को कल्पना चावला मेमोरियल अवार्ड मिलने की खुषी देखते ही बन रही थी। यह पुरस्कार देशभर से 10वीं की परीक्षा के आधार पर चयनित 400 छात्राओं को श्री बी.एल. चावला, श्रीमती सरिता डक एवं श्री पी.एस DSC_0118 यादव द्वारा कल्पना चावला मेमोरियल पुरस्कार देकर सम्मानित किया।DSC_0118
इस अवार्ड कार्यक्रम के दौरान कई बार ऐसे क्षण आए जब बी.एल. चावला पुरस्कार देते समय भावुक हो गए। उन्हें अपनी पुत्री कल्पना की याद आ गई और कल्पना चावला के बचपन को, एवं नासा के अनुभव को छात्राओं के साथ शेयर करते हुए कहा कि कल्पना चावला में अपने मकसद को पाने की इच्छा व हौंसलो ने ही उसे इस मुकाम तक पहुंचाया कि आज उसे देष भर मंे याद किया जाता है। कॉलेज के निदेषक डॉ. संजय बियानी ने कहा कि कल्पना चावला की दृढ़षक्ति ने उन्हें इस मुकाम पर पहुँचा दिया जिसे अपने बचपन में पहुँचने की कल्पना की थी।  वो मषाल का काम किया है जिसकी रोषनी से वह लाखों घर रोषन होंगे जिसमें बालिका अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है और उसकी लौ से पूरे विष्व में भारत का नाम रोषन होगा। हमें इसी विष्वास के साथ हाथों से हाथ व कदम से कदम मिलाते हुये इस मषाल को प्रज्ज्वलित रखना है। एस.बी.बी.जे. बैंक की मैनेजर श्रीमती सरिता डक ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिस प्रकार कल्पना ने पूरी दुनिया में भारत का नाम रोषन किया उसी प्रकार छात्राओं को तैयारी कर कल्पना की तरह कार्य करना होगा, भारत तभी पूरे विष्व का गुरू कहलाएगा। इस समारोह में राजस्थान समेत, केरल, बैंग्लोर, दिल्ली, उत्तरप्रदेश एवं गुजरात के विभिन्न स्कूलों की छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
अंत में कॉलेज के चेयरमैन राजीव बियानी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि बच्चों को चाहिए कि वे मन लगाकर पढ़े व पढ़ने के दौरान अपने साथी स्टूडेन्ट्स से मेल-जोल बढ़ाए। ऐसा करने से एक दूसरे से बहुत सीखा जा सकता है।

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