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Women’s Day Special: मिलिए देश की होनहार बेटियों से, जो बनी देश का अभिमान

8 मार्च को हर साल महिलाओं के सम्मान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं को अहसास दिलाया जाता है, कि वो समाज के लिए कितनी खास हैं। इसके अलावा महिलाओं द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों और प्रयासों के लिए उन्हें भी सम्मानित किया जाता है। अंतरास्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज हम आपको कुछ ऐसी महिलाओं के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने समाज में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

अरुंधति रॉय

बुकर पुरस्कार विजेता, समाज सेविका और मशहूर लेखिका ‘अरुंधति रॉय’ आज पूरी दुनिया के लिए मिसाल हैं। “द गॉड ऑफ़ स्मॉल थिंग्स” के लिये बुकर पुरस्कार प्राप्त अरुंधति राय ने लेखन के अलावा नर्मदा बचाओ आंदोलन समेत भारत के दूसरे जनांदोलनों में भी हिस्सा लिया है। अपनी बेबाकी और सच्चाई के लिए ही आज ‘अरुंधति रॉय’ लोगों के लिए मिसाल बन गयी हैं।

वंदना लूथरा – फाउंडर, VLCC

VLCC, एक सौंदर्य और कल्याण की दिग्गज कंपनी है और एशिया, अफ्रीका और जीसीसी (गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल) में 11 देशों में अपना साम्राज्य फैला चुकी है। यह अपने वजन घटाने के समाधान और सौंदर्य उपचार के लिए चिकित्सीय दृष्टिकोण के लिए व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है। प्रत्येक सौंदर्य संबंधी प्रश्न के लिए एक स्टॉप-सॉल्यूशन, वीएलसीसी में 4,000 से अधिक पेशेवरों की एक कर्मचारी शक्ति है, जिसमें चिकित्सा चिकित्सक, पोषण विशेषज्ञ, फिजियोथेरेपिस्ट और कॉस्मेटोलॉजिस्ट शामिल हैं, और पांच मिलियन से अधिक उपभोक्ताओं (रिपीट उपभोक्ताओं सहित) की सेवा कर रहे हैं। VLCC की संस्थापक, वंदना लूथरा को उनके योगदान के लिए 2013 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया है और 2015 में फॉर्च्यून इंडिया द्वारा भारत में व्यापार में 33 वीं सबसे शक्तिशाली महिला के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इन प्रशंसाओं के साथ, उन्हें अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त किया गया था। भारत सरकार द्वारा सौंदर्य और कल्याण क्षेत्र कौशल परिषद की स्थापना। इसके अलावा, वह नई दिल्ली स्थित मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा की जनरल बॉडी मेंबर हैं। प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना पर भारत के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा गठित संचालन समिति और उप-समिति भी एक सक्रिय सदस्य के रूप में है।

फाल्गुनी नायर – फाउंडर और सीईओ, Nykaa

उस महिला के बारे में सोचिए जो IIM-A की पूर्व छात्र हैं, जो कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी की पूर्व एमडी हैं, दो बच्चों की मां और उनकी उ्म्र पचास वर्ष हैं। अब अपने आप को उनकी जगह रखकर सोचें, क्या आप एक गतिशील ई-कॉमर्स व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं या आगे बढ़कर एक खुशहाल जीवन जिएं? कुछ महिलाएं, फाल्गुनी की तरह नहीं थीं। जैसा कि सही कहा जाता है, कभी भी देर नहीं हुई, सफल सौंदर्य उद्यमी बनने के लिए फाल्गुनी ने कोटक में नौकरी छोड़ दी, जहाँ सब कुछ बिल्कुल सही हो रहा था। आज, नायका 650 ब्रांडों से 35,000 से अधिक उत्पाद बेचती है, दोनों अंतरराष्ट्रीय और भारतीय, लक्जरी और बड़े पैमाने पर, और लगातार अपने स्टॉक में नए लेबल जोड़ रही है।

 नैना

नदियों की लहरों पर अपनी कयाक पर सवार नैनीताल की नैना नित नए आयाम गढ़ रहीं हैं। महज 13 साल की उम्र में नैना ने ऋषिकेश में अपने चाचा से कयाकिंग सीखनी शुरू की। कयाकिंग में अब तक नैना कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक हासिल कर चुकी हैं। नैना का कहना है कि शुरुआत में पढ़ाई की वजह से परिवार वाले भी कयाकिंग करने पर टोकते थे। पर पिता ने पूरा सहयोग किया। नतीजा सबके सामने है, 2021 में नैना को गंगा कयाक फेस्टिवल में बेस्ट फीमेल पैडलर अवार्ड, बोटर क्रास में स्वर्ण पदक और ओवरऑल फीमेल चैंपियन अवॉर्ड मिला था। 2018 में नैना ने दिल्ली ओलंपिक गेम्स के कयाक स्प्रिंट में स्वर्ण पदक हासिल किया था और 2019 में लद्दाख में आयोजित वर्ल्ड हाईएस्ट कयाकिंग प्रतियोगिता में रजत पदक जीता था।

किरण बेदी

किरण बेदी भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी देश का जाना-पहचाना नाम है। कई अवार्ड अपने नाम कर चुकी किरण बेदी आज देश की बेटियों के लिए बहादुरी और प्रगति की मिसाल है। किरण बेदी की ही वजह से ही आज देश की बेटियां प्रशासनिक सेवाओं को अपना करियर बना रही हैं।

सायना नेहवाल

सायना नेहवाल भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। साइना भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित हो चुकीं हैं। लंदन ओलंपिक २०१२ मे साइना ने इतिहास रचते हुए बैडमिंटन की महिला एकल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया।

मैरी कॉम

बॉक्सिंग में भारत को पहचान दिलाने वाली मैरीकॉम ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत की है। इनके पिता एक गरीब किसान थे। इनकी प्राइमरी एजुकेशन लोकटक क्रिश्चियन मॉडल स्कूल (कक्षा 6 तक) और सेंट जेविएर स्कूल (कक्षा 8 तक) से हुई है। शुरुआत में इनके पिता इनके बॉक्सिंग के खिलाफ थे। इसलिए इन्होंने अपने पिताजी को बिना बताए बॉक्सिंग की ट्रेनिंग ली थी। लेकिन आज इन पर और इनकी बॉक्सिंग पर इनके पिताजी के साथ पूरे देश को गर्व है।

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