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हनुमान जी से सीखें मैनेजमेंट भाग; 2

वास्तविकता की स्वीकारोक्ति आत्मविश्वास का आधार हनुमानजी में कहीं भी अपनी वास्तविकता को छिपाने का प्रयास नहंी मिलता। उन्हें जहां भी मौका मिलता है या वे जहां भी जरूरी समझते हैं, अपने इस वानरपन की खुलेआम घोषणा करते हैं। खायऊँ फल प्रभु लागी भूखा। कपि सुभाव ते तोरेऊँ रूखा।। हे …

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हनुमान जी से सीखें जीवन प्रबंधन भागः1

भावनात्मक संतुलन की आवश्यकता हनुमानजी के सामने अत्यंत भावुक होने का सबसे पहला और जबर्दस्त प्रसंग तब आया था, जब वे अशोक वाटिका में सीताजी को पहली बार देखते हैं। हम मान सकते हैं कि सीताजी का यह करुण दृश्य हनुमान के सीने में तीर की तरह बिंध गया होगा। …

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आसक्ति है बुराइयों की जड़ – सरस्वती

स्वामी शिवानंद सरस्वती के मुताबिक मन भोजन के सुक्ष्म सार से बनता है इसलिए जिन मनुष्यों से भोजन प्राप्त होता है उनसे मन आसक्त हो जाता है। यदि आप कुछ महिनों तक अपने किसी मित्र के साथ रहें और उसी का भोजन करें तो उस अन्नदाता मित्र में आपका मन …

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तीर्थराज पुष्कर : सब तीर्थों का गुरू

रचना और महत्त्व : पुष्कर की रचना के बारे में अनेक कहानियां प्रचलित हैं। पुष्कर का अर्थ है एक ऐसा सरोवर जिसकी रचना पुष्प से हुई हो। पुराणों के अनुसार ब्रह्मा ने अपने यज्ञ के लिए एक उचित स्थान चुनने की इच्छा से यहां एक कमल गिराया था इसी से …

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उलझन रहित जीवन बेकार – स्वामी शरणानंद

उलझन रहित जीवन बेकार – स्वामी शरणानंद प्रत्येक उलझन उन्नति का साधन है, डरो मत ! उलझन रहित जीवन बेकार है। संसार में उन्हीं प्राणियों की उन्नति हुई है जिनके जीवन में पग-पग पर उलझनें आईं हैं । उलझने जाग्रति को पैदा करती हैं और प्रमाद(घमंड) को खा जाती है। व्यक्ति में छिपी …

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पूजा के लिए क्यों जलाते हैं दीपक ?

भारतीय संस्कृति में प्रत्येक धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम में दीप प्रज्जवलित करने की परम्परा है। ऐसी मान्यता है कि अग्नि देव को साक्षी मानकर उसकी उपस्थिति में किए गए कार्य अवश्य ही सफल होते हैं। हमारे शरीर की रचना में सहायक पांच तत्वों में से एक अग्नि भी है। …

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श्री सूक्तम् से सीखें मनी मैनेजमेन्ट

श्रीसूक्तम् देवी लक्ष्मी की आराधना करने हेतु उनको समर्पित मंत्र है। जिसे ‘लक्ष्मी सूक्तम्’ भी कहते हैं। यह सूक्त ऋग्वेद से लिया गया है। इस सूक्त का पाठ धन-धान्य की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। लक्ष्मी कहां आती और कहां से जाती है, इन …

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रात में भी शुरू हुई वैष्णो देवी यात्रा

कटड़ा। बीते दो दिन लगातार बारिश के चलते श्राइन बोर्ड प्रशासन द्वारा रात के समय वैष्णो देवी यात्रा स्थगित की गई थी, जिसे सोमवार को शुरू कर दिया गया। हालांकि सोमवार को दिनभर रुक-रुक कर बारिश होती रही, इसके बावजूद बोर्ड प्रशासन ने रात के समय वैष्णो देवी यात्रा फिर …

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अनोखी है इस मंदिर की कृष्ण मूर्ति, आज भी मौजूद है चोट का निशान….

गुजरात राज्य का प्रसिद्ध वैष्णव तीर्थ डाकोर जी, भारत के प्रसिद्ध तीर्थों में से एक है। यहां पर बना रणछोड़ जी का मंदिर न सिर्फ अपनी शिल्प कला के लिए जाना जाता है, बल्कि भगवान कृष्ण के सुंदर स्वरूप के लिए भी प्रसिद्ध है। इस मंदिर के पीछे एक बहुत …

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