श्रीसूक्तम् देवी लक्ष्मी की आराधना करने हेतु उनको समर्पित मंत्र है। जिसे ‘लक्ष्मी सूक्तम्’ भी कहते हैं। यह सूक्त ऋग्वेद से लिया गया है। इस सूक्त का पाठ धन-धान्य की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। लक्ष्मी कहां आती और कहां से जाती है, इन प्रश्नों के उत्तर श्री सूक्तम् में दिये गये हैं जिनमें से कुछ निम्न हैं –
लक्ष्मी कहां आती है?
लक्ष्मी उनके पास आती है जो सत्कर्म में लगे रहते हैं, भगवान को धन्यवाद देते हैं और जो हृदय से साफ होते हैं।
लक्ष्मी कहां से जाती है?
लक्ष्मी वहां से चली जाती है जहां व्यसन होता है, जहां क्लेश होता है और जहां आलस्य होता है।
क्या लक्ष्मी आरोग्यता भी लाती है?
हाँ, यदि लक्ष्मी परिश्रम और ईमानदारी से आये तो वह आरोग्यता भी लाती है।
अशुद्ध धन कौन-कौनसी चीजें साथ में लाता है?
अशुद्ध धन काम, क्रोध, लोभ और मोह साथ में लाता है। काम से विवेक नष्ट होता है, क्रोध से बुद्धि नष्ट होती है, लोभ से कपट बढ़ता है और मोह से पक्षपात की भावना आती है।
लक्ष्मी का वाहन क्या है?
वैसे तो लक्ष्मी का वाहन उल्लू है लेकिन लक्ष्मी सदैव कमल पर विराजमान रहती हैं। कमल संघर्ष और निर्लेपता का प्रतीक है जो कीचड़ और दलदल में खिलकर बड़ा होता है लेकिन फिर भी अपनी सुंदरता और निर्मलता को नहीं खोता। इस तरह संदेश देता है कि हमारे चारों ओर फैली बुराईयों को आंखों से तो देखें पर हृदय तक उन्हें ना आने दें। चीजों के साक्षी बनें लेकिन उनमें लिप्त ना हों।
लक्ष्मी का रंग कौनसा है?
लक्ष्मी का रंग लाल और सफेद को मिलाकर बना गुलाबी रंग है। गुलाबी रंग सौभाग्य का प्रतीक है।
लक्ष्मी की उपासना कितने तरह से होती है?
लक्ष्मी की उपासना स्वामी की तरह, मां की तरह और बेटी की तरह होती है।
अकस्मात् लक्ष्मी किनके पास आती है?
अकस्मात् लक्ष्मी उत्साह और उमंग से परिपूर्ण व्यक्ति के पास, शूरवीर के पास और उन लोगों के पास आती है जो दीर्घसूत्री नहीं होते हैं।
Check Also
Yearly Calendar 2021: 2021 के प्रमुख व्रत और त्योहार
Share this on WhatsAppYearly Calendar 2021: आइए जानते हैं जनवरी 2021 से लेकर दिसंबर 2021 …