भारत की राजधानी दिल्ली इस साल भी दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बन गई है। लगातार दूसरे साल भी सबसे प्रदूषित शहरों में शीर्ष पर है। बांग्लादेश की राजधानी ढाका दूसरे नंबर पर, अफ्रीकन देश चाड की राजधानी नजामिना, तीसरे, तजाकिस्तान का दुशांबे चौथे और ओमान का मस्कट पांचवें नंबर पर है। दुनिया के 15 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर सेंट्रल और दक्षिण एशिया में है। इनमें से 12 शहर भारत के हैं।
रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में 2021 में PM2.5 सांद्रता में 14.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। साल 2020 में सांद्रता 84 Ig/m3 थी। जबकि अब यह बढ़कर 96.4 Ig/m3 हो गई है। भारत के 48 प्रतिशत शहरों में वार्षिक PM2.5 सांद्रता औसत 50 Ig/m3 या विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों के 10 गुना से ज्यादा है। भारत में फसलों को जलाना आम बात है. खासकर सर्दियों के महीनों में दिल्ली के पास चावल के खेतों में फसलों को जलाना काफी कॉमन है. शहर में 45 प्रतिशत तक प्रदूषण के लिए धुआं जिम्मेदार होता है, जो सबसे ज्यादा इन फसलों के जलाने से उत्पन्न होता है।
ग्रीनपीस इंडिया के अभियान प्रबंधक अविनाश चंचल ने IQAIR के ताजा आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट सरकारों और निगमों के लिए एक वेकअप कॉल है। यह एक बार फिर उजागर कर रहा है कि लोग खतरनाक प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। शहरी PM2.5 स्तर में वाहनों से होने वाले प्रदूषण का बड़ा योगदान है। भारत में वाहनों की वार्षिक बिक्री बढ़ने की उम्मीद के साथ यदि समय पर सुधारात्मक उपाय नहीं किए गए तो यह निश्चित रूप से वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाला है।