पूर्वा चतुर्वेदी
जल्द ही देश को पहला इलेक्ट्रिक हाईवे मिल सकता है। सरकार दिल्ली से जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने राजस्थान के दौसा में हाल ही में इसकी घोषणा की। इस हाईवे पर सभी इलेक्ट्रिक वाहन ही चलेंगे। इससे पैसा भी बचेगा और प्रदूषण भी कम होगा। केंद्रीय मंत्री की इस घोषणा को देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की राह में बड़ा कदम माना जा रहा है।
सबसे पहले समझिए इलेक्ट्रिक हाईवे होता क्या है?
आसान भाषा में समझें तो ऐसा हाईवे जिसपर इलेक्ट्रिक वाहन चलते हों। आपने ट्रेन के ऊपर एक इलेक्ट्रिक वायर देखा होगा। ट्रेन के इंजन से ये वायर एक आर्म के जरिए कनेक्ट होता है, जिससे पूरी ट्रेन को इलेक्ट्रिसिटी मिलती है। इसी तरह हाइवे पर भी इलेक्ट्रिक वायर लगाए जाएंगे। हाइवे पर चलने वाले वाहनों को इन वायर्स से इलेक्ट्रिसिटी मिलेगी। इसे ही ई-हाइवे, यानी इलेक्ट्रिक हाइवे कहा जाता है। इस हाईवे पर इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए थोड़ी-थोड़ी दूरी पर चार्जिंग पॉइंट भी होंगे।
ई-हाईवे से आपको क्या फायदे होंगे?
- ई-हाईवे की सबसे बड़ी खासियत इसमें वाहनों की सस्ती आवाजाही है। नितिन गडकरी ने कहा था कि ई-हाईवे से लॉजिस्टिक कॉस्ट में 70% की कमी आएगी। फिलहाल चीजों की कीमतों में बढ़ोत्तरी की एक बड़ी वजह ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट है। अगर ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में कमी आएगी, तो चीजें सस्ती हो सकती हैं।
- ये पूरी तरह इको फ्रेंडली होंगे। वाहनों को चलाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल किया जाएगा जो पेट्रोल-डीजल के मुकाबले सस्ती होगी और पर्यावरण के लिए भी कम हानिकारक होगी।
- पेट्रोल-डीजल पर से निर्भरता कम होगी। महंगे पेट्रोल-डीजल की वजह से ट्रांसपोर्टशन कॉस्ट भी बढ़ी है। साथ ही पेट्रोल-डीजल पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है।
कहां बनाया जा रहा है?
नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि देश का पहला ई-हाईवे दिल्ली और जयपुर के बीच बनाया जाएगा। 200 किलोमीटर लंबे इस हाईवे को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के साथ ही एक नई लेन पर बनाया जाएगा। ये लेन पूरी तरह इलेक्ट्रिक होगी और इसमें केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही चलेंगे। सरकार इसके लिए स्वीडन की कंपनियों से बात कर रही है। पूरी तरह तैयार होने के बाद ये देश का पहला ई-हाईवे होगा।