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ओलंपिक में मेडल जीतने वाली भारत की तीसरी बॉक्सर हैं लवलीना

तानिया शर्मा

बॉक्सिंग में भारत की लवलीना बोरगोहेन ने 69 किग्रा वेल्टरवेट केटेगरी के सेमीफाइनल में हार के बावजूद इतिहास रच दिया है। सेमीफाइनल राउंड में जगह बनाने के साथ ही लवलीना ने टोक्यो ओलंपिक में अपना ब्रॉन्ज मेडल पक्का कर लिया था। इसके साथ ही लवलीना ओलंपिक में मेडल लाने वाली भारत की तीसरी बॉक्सर बन गई हैं। लवलीना से पहले साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक में विजेंद्र सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसके बाद 2012 के लंदन ओलंपिक में एमसी मैरीकॉम ने ब्रॉन्ज मेडल जीत इतिहास रच दिया था। मैरीकॉम ओलंपिक में मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला बॉक्सर बनी थीं।

ऐसा रहा मुकाबला

पहले राउंड में लवलीना ने आक्रामक होकर खेलने की कोशिश की, लेकिन तुर्की मुक्केबाज का पलड़ा भारी रहा। इस दौरान लवलीना ने कुछ सॉलिड लेफ्ट और राइट अपर कट जड़े। वहीं, सुरमेनेली ने भी कुछ सॉलिड पंच जड़े। पहले रांउड में पांचों जजों ने विपक्षी मुक्केबाज को बेहतर माना।

दूसरे और तीसरे राउंड में भी तुर्की की मुक्केबाज का पलड़ा काफी भारी रहा। आक्रामक होकर खेलने की कोशिश में लवलीना को दूसरे राउंड में चेतावनी के तौर पर एक अंक भी गंवाना पड़ा। दूसरे और तीसरे राउंड में भी पांचों जजों ने बुसेनाज सुरमेनेली को बेहतर मुक्केबाज ठहराया। मैच में लवलीना को पहले और दूसरे जज ने 26-26, जबकि बाकी के तीन जजों ने 25-25 अंक दिए । वहीं, बुसेनाज सुरमेनेली को पांचों जजों ने 30-30 अंक दिए।

 

असम की 23 साल की मुक्केबाज लवलीना बोरगोहोन की बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ यह पहली भिड़ंत थी. हालांकि लवलीना और तुर्की की मुक्केबाज ने 2019 के चैम्पियनश में भाग लिया था। उस चैम्पियनशिप में बुसेनाज सुरमेनेली ने स्वर्ण और लवलीना ने कांस्य पदक अपने नाम किया था। लेकिन तब इन दोनों खिलाड़ियों के बीच मुकाबला ।

9 साल बाद भारत को बॉक्सिंग में मिला मेडल

ओलंपिक में भारत को बॉक्सिंग में 9 साल के बाद मेडल मिला है। आखिरी बार ओलंपिक में भारत की ओर से साल 2012 में मैरी कॉम ने लंदन ओलंपिक में भारत को मेडल दिलाया था। अब लवलीना ने बॉक्सिंग में मेडल जीतकर इस विरासत को आगे बढ़ाया है।

लवलीना हैं मोहम्मद अली की फैन

लवलीना महान बॉक्सर मोहम्मद अली की फैन रही हैं। इसके अलावा वो माइक टायसन की भी फैन रहीं हैं। बता दें कि इससे पहले छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मेरी कॉम (51 किग्रा) को कोलंबिया की तीसरी वरीयता प्राप्त इंग्रिट वालेंसिया से 2-3 से हार का सामना करना पड़ा था। जिसके कारण उनका सफर ओलंपिक में समाप्त हो गया। लेकिन लवलीना ने बॉक्सिंग में बाजी मारकर मैरी कॉम को शानदार ट्रिब्यूट दिया है।

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