अनावश्यक विवादों से शिक्षा क्षेत्र को दूर रखने के वादे के साथ प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय का कामकाज संभाल लिया। कैबिनेट मंत्री के तौर पर प्रोन्नति पाने वाले जावड़ेकर ने इस मौके पर एक टीम के तौर पर काम करने का संकेत दिया। सबको साथ लेकर चलने का इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वह दोनों राज्य मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मिल कर ‘टीम एचआरडी’ के तौर पर काम करेंगे। इसी तरह शिक्षा के क्षेत्र में कोई भी सार्थक काम राज्यों को साथ लिए बिना नहीं हो सकता। जावड़ेकर ने शिक्षा में गुणवत्ता लाने को उन्होंने अपना मिशन बताया है। साथ ही छात्रों में जिज्ञासु प्रवृत्ति और विद्रोही भाव को उचित बताते हुए इसे नई खोज के लिए जरूरी बताया है। नए शिक्षा मंत्री ने इस मौके पर अपनी प्राथमिकता भी साफ कर दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता लाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी।
आपातकाल के दौरान 16 महीने तक जेल में रह चुके जावड़ेकर केंद्र में भाजपा सरकार के गठन के बाद से स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री के तौर पर पर्यावरण की जिम्मेदारी निभा रहे थे। जिज्ञासु और विद्रोही बनें छात्र अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत छात्र आंदोलन से करने वाले जावड़ेकर ने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों में विद्रोही और जिज्ञासु प्रवृत्ति की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में खोज की कमी क्यों है? क्योंकि हम सवाल पूछने की इजाजत नहीं देते। हम जिज्ञासु प्रवृत्ति को बढ़ावा नहीं देते। स्कूल में बच्चा कोई सवाल पूछता है तो उसे बिठा दिया जाता है। जबकि हमें जिज्ञासु प्रवृत्ति को बढ़ावा देना चाहिए। खोज अनिवार्य रूप से विद्रोह की प्रक्रिया है। जब तक आप विद्रोह नहीं करेंगे, मौजूदा स्थितियों को चुनौती नहीं देंगे, आप नई खोज कैसे कर सकते हैं ?