अंजलि तंवर
हाथ से विकलांग तुषार ने बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उतीर्ण कर मां-बाप का नाम रोशन किया है।
आज यूपी बोर्ड कि परीक्षा के परिणाम आ गए है जिसमें प्रदेश का सफलता प्रतिशत बढ़िया रहा। छात्रों से ज्यादा छात्राओं ने परीक्षा में पास किया है। ज्ञातव्य हो कि इस साल परीक्षा के परिणाण कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण देरी से आए हैं। पूरे प्रदेश में कोराना का प्रकोप तेजी से फैला था जिसमें कई दिग्गज नेता से लेकर शिक्षाविद तक की मरने की खबर आई थी।
अपने आत्मविश्वास, शिक्षकों और अभिभावकों के सहयोग से उसने पैरों से लिखने में महारत हासिल कर दी और आज 12वीं की परीक्षा 70.44 परसेंट लाकर अपने परिवार और स्कूल का नाम रोशन कर दिया है। तपोवन नगर निवासी राजेश कुमार विश्वकर्मा मौरंग-बालू का कारोबार करते हैं। मां सुमन गृहणी हैं। बेटे का रिजल्ट देखने के बाद दोनों की आंखें गर्व से चमक रहीं थीं। राजेश कहते हैं कि बचपन में ही पोलियो ने तुषार के हाथों की ताकत छीन ली।
स्कूल नहीं भेजना चाहते थीं माता
सुमन बताती हैं कि हम तो निराश हो चुके थे और उसे घर पर ही पढ़ाने लगे थे, और उसे स्कूल नहीं भजते थे। लेकिन तुषार की जिद की वजह से स्कूल भेजना शुरू कर दिया और आज हमें अपने बच्चे पर गर्व है।
तुषार का सपना इंजीनियर बनने का है
आज तुषार उन सभी लोगों के लिए नजीर पेश कर रहा है। इसलिए किसी को भी अपनी असफलता से डरना नहीं चाहिए बल्कि आगे बढ़ना चाहिए। तुषार बताते हैं कि उनका सपना इंजीनियर बनने का है और वो उसका पूरा करके दिखाएंगे। तुषार के घर में मम्मी पापा के साथ ही एक भाई और बहन भी हैं। दोनों उससे बड़े हैं।