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भारतीय हॉकी टीम कांस्य पदक के लिए जर्मनी से भिड़ेगी

तानिया शर्मा

भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) का 41 साल बाद ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने का सपना बेल्जियम के हाथों अंतिम चार में 2-5 से करारी हार के साथ टूट गया। हालांकि टोक्यो खेलों (Tokyo Olympics) में टीम इंडिया अब भी कांस्य पदक की दौड़ में बनी हुई है जिसके लिए उसका सामना गुरुवार (5 अगस्त) को जर्मनी (India vs Germany) से होगा। जर्मनी को दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1-3 से हार का सामना करना पड़ा। भारत ने आखिरी बार मास्को ओलंपिक 1980 में फाइनल में जगह बनायी थी और तब टीम ने अपने आठ स्वर्ण पदकों में से आखिरी स्वर्ण पदक जीता था. यह हॉकी में भारतीय टीम का आखिरी मेडल भी था।

टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी का प्रदर्शन

भारतीय टीम वर्ल्ड रैंकिंग में तीसरे स्थान पर है जबकि जर्मनी चौथे पायदान पर काबिज है। जर्मनी ने ग्रुप स्टेज में तीन मैच जीते थे जबकि भारत ने चार। भारत आठ बार गोल्ड मेडल जीत चुका है जबकि जर्मनी की टीम चार बार की ओलंपिक चैंपियन रही है। जर्मनी की टीम ने बीजिंग ओलंपिक 2008 और लंदन ओलंपिक 2012 में गोल्ड जीता था जबकि रियो ओलंपिक में उसने कांस्य पदक जीता था।

टोक्यो ओलिंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Indian Men Hockey Team) कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी से भिड़ेगी। दूसरे सेमीफाइनल मैच में जर्मनी को ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से शिकस्त दी। भारत और जर्मनी के बीच कांस्य पदक का मुकाबले 5 अगस्त को खेला जाएगा। यह मैच सुबह सात बजे से खेला जाएगा. जर्मनी ने रियो ओलिंपिक में कांसा हासिल किया था। वहीं ऑस्ट्रेलिया की टीम फाइनल में बेल्जियम से खेलेगी।

बेल्जियम की पेनल्टी कॉर्नर रणनीति से हारा भारत

सेमीफाइनल में हार के लिए भारतीय टीम ही दोषी रही क्योंकि बेल्जियम ने चार गोल पेनल्टी कॉर्नर पर किए। विश्व चैंपियन टीम ने भारतीय रक्षापंक्ति पर लगातार दबाव बनाए रखा और 14 पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए जिनमें से चार को उसने गोल में बदला। बेल्जियम की शुरू से ही रणनीति स्पष्ट थी कि भारतीय सर्कल में घुसकर पेनल्टी कॉर्नर हासिल करना है क्योंकि उसके पास हैंड्रिक्स और ल्युपर्ट के रूप में दो पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ हैं। उन्होंने अपनी इस रणनीति पर अच्छी तरह से अमल किया तथा हैंड्रिक्स और ल्युपर्ट ने भी उन्हें निराश नहीं किया। भारत ने भी पांच पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए लेकिन इनमें से वह केवल एक पर ही गोल कर पाया।

ऑस्ट्रेलिया ने जर्मनी को दी शिकस्त

वहीं ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के मुकाबले में सातवें मिनट में टिम ब्रैंड के गोल से ऑस्ट्रेलिया ने खाता खोला। फिर जर्मनी ने पेनल्टी कॉर्नर पर लुकास विंडफेडर के गोल से बराबरी हासिल की। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम ने जल्द ही पलटवार किया। उसके लिए ब्लेक गॉवर्स ने गोल दागा और हाफ टाइम तक टीम को 2-1 से आगे कर दिया। हाफ टाइम के कुछ देर बाद ही लाकलान शार्प ने गोल दागते हुए टीम की जीत तय कर दी। जर्मनी ने इसके बाद गोल दागने की कोशिश की लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने उसे कामयाब नहीं होने दिया।

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