ऐसे करें डायबिटीज कंट्रोल

डायबिटीज जिसे मधुमेह भी कहा जाता है एक गंभीर बीमारी है जिसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। संसार भर में मधुमेह रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है विशेष रूप से भारत में। इस बीमारी में रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक बढ़ जाता है तथा रक्त की कोशिकाएं इस शर्करा को उपयोग नहीं कर पाती। यदि यह ग्लूकोज का बढ़ा हुआ लेवल खून में लगातार बना रहे तो शरीर के अंग प्रत्यंगों को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देता है। आइए जानते है इससे बचने के उपाय :-

1. चीनी  एवं अन्य मीठे पदार्थो का सेवन कम से कम करें या ना करें, चोकर युक्त आटा, हरी सब्जियां ज्यादा खाएं, मीठे फलों को छोड़ कर अन्य फल खाएं, एक बार में ज्यादा खाने की बजाय भोजन को छोटे छोटे अंतराल में लें, घी तेल से बनी एवं तली भुनी चीजें जैसे- समोसे, कचौड़ी, पूड़ी, परांठे आदि का सेवन कम से कम करें, गेहूँ, जौ एवं चने को मिला कर बनाई हुई यानि मिस्सी रोटी शुगर की बीमारी में बहुत फायदेमंद होती है।

2. नित्य व्यायाम करना, योग प्राणायाम का नियमित अभ्यास करना, सुबह शाम चहल कदमी करना मधुमेह रोग में शुगर कंट्रोल करने के लिए बहुत लाभदायक है तथा मोटापा नियंत्रण में रहता है जो की डायबिटीज का महत्वपूर्ण कारण है।

3. मधुमेह रोग में तनाव की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है तनाव से बचने की पूरी कोशिश करें। स्ट्रेस या तनाव के कारणों को आपसी बात चीत से हल करें, योगा, प्राणायाम, ध्यान तथा सुबह शाम घूमने से स्ट्रेस कंट्रोल करने में सहायता मिलती है।

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आयुर्वेद की कुछ जड़ी बूटियां मधुमेह रोग में बहुत उपयोगी हैं इनका सेवन डायबिटीज में बहुत लम्बे समय से किया जा रहा है आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी डायबिटीज में इनकी उपयोगिता सिद्ध कर चुका है।

यदि खून में शुगर की मात्रा ज्यादा बढ़ी हुई नहीं हो तो उपरोक्त उपायों से आराम अवश्य मिलता है किन्तु यदि खून में शुगर लेवल ज्यादा हो तो चिकित्सक की राय अवश्य लेनी चाहिए, इसके लिए एलोपैथी में इन्सुलिन के इंजेक्शन तथा मुख से सेवन करने वाली गोलियों आदि का प्रयोग किया जाता है तथा आयुर्वेद में बसंत कुसुमाकर रस, शिलाजत्वादि वटी, चन्द्र प्रभा वटी, शुद्ध शिलाजीत तथा अन्य अनेक दवाओं का प्रयोग किया जाता है ये दवाइयाँ डायबिटीज में बहुत फायदेमंद होती हैं लेकिन इन्हे चिकित्सक की राय से ही सेवन करना चाहिए ।

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