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प्री-मानसून का असर: असम को सैलाब से राहत नहीं, 7 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित

मानसून से पहले कुछ राज्यों में आंधी और बारिश तबाही बनकर आई है। अकेले बिहार, असम और कर्नाटक तीन ऐसे राज्य हैं, जहां बिजली गिरने और बाढ़ की चपेट में आने से करीब 57 लोगों की जान चली गई है। मौसम विभाग ने 21 से 24 मई तक कई राज्यों में बारिश होने की संभावना जताई है। वहीं, 23 मई को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के कारण बंगाल की खाड़ी से दबाव बनेगा। लिहाजा उत्तरपूर्वी क्षेत्र में भारी बारिश जारी रहने के आसार हैं।

असम में बाढ़ के चलते हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि यहां बाढ़ और भूस्खलन में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक 1413 गांव बाढ़ प्रभावित हैं. वहीं कछार में लगभग 1.2 लाख लोग और होजई में 1.07 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। नागांव जिले में का जिले में कामपुर-कठियाताली संपर्क मार्ग टूट गया है. राज्य के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कछार जिला प्रशासन ने जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों (सरकारी और निजी) और गैर जरूरी निजी प्रतिष्ठानों को 48 घंटे के लिए बंद कर दिया। असम के पहाड़ी इलाके कछार में रेलवे ट्रैक के पानी में डूब जाने के कारण यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया था।

भूस्खलन का खतरा बढ़ा
कर्नाटक में जारी भारी बारिश के कारण राज्य के तटीय जिलों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने राज्य में दो और दिनों के लिए भारी बारिश का अनुमान जताया है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने उत्तर कन्नड़ जिले में भूस्खलन की चेतावनी दी है। बारिश के कारण 204 हेक्टेयर कृषि और 431 हेक्टेयर बागवानी फसलों को नुकसान पहुंचा। आने वाले दिनों में भी बारिश का अलर्ट होने के कारण खेतों में खड़ी फसलों को और नुकसान पहुंचने का खतरा है।

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