तानिया शर्मा
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिपलब देब ने एक विवादित बयान देकर फिर से बवाल खड़ा कर दिया है। देब ने त्रिपुरा सिविल सर्विस ऑफिसरों की एक कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा अधिकारियों को अदालत की अवमानना से डरे बिना काम करना चाहिए। देब के इस बयान पर टीएमसी ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। खुद टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट कर देब को पूरे देश के लिए शर्मनाक बताया है।
सीएम ने कहा, ‘कोर्ट की अवमानना इस तरह से कही जाती है जैसे कोई बाघ बैठा हो. मैं बाघ हूं. सत्ता उसी के पास होती है जो सरकार चलाता है. इसका मतलब है कि सारी शक्ति लोगों के पास है. हम ‘लोगों की सरकार द्वारा हैं, न कि अदालत की सरकार द्वारा.’
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कैसे राज्य के पूर्व मुख्य सचिव को उनकी ड्यूटी से हटाया गया था क्योंकि उन्हें “अदालत की अवमानना” का डर था. सीएम बिप्लब के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने रविवार को ट्विटर पर उनके भाषण का एक वीडियो क्लिप अपलोड किया, जिसमें दावा किया गया कि देब ने न्यायपालिका और लोकतंत्र का भी मजाक उड़ाया.
सीएम के ओएडी ने दिया अभिषेक बनर्जी को जवाब
बनर्जी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बिप्लब पूरे देश के लिए एक अपमान हैं! वह बेशर्मी से लोकतंत्र का मजाक उड़ाते हैं, माननीय न्यायपालिका का मजाक उड़ाते हैं. क्या सुप्रीम कोर्ट उनकी टिप्पणियों का संज्ञान लेगा जो इस तरह के गंभीर अनादर को दर्शाती हैं?’
बनर्जी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम देब के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) संजय मिश्रा ने ट्विटर पर कहा, ‘आपको अपना नकली प्रचार फैलाने से पहले पूरा भाषण सुनना चाहिए, जो आपने अपने राजनीतिक गुरु सीपीएम से सीखा है और सरकारी संस्थानों के लिए आपके मन में कितना सम्मान है, यह हम सभी जानते हैं.’
माकपा नेता पबित्रा कर ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने जो कुछ भी कहा वह संविधान और न्यायपालिका पर हमला है. मुख्यमंत्री होने के नाते वह ऐसी बातें नहीं कह सकते. हम इसकी निंदा करते हैं और मामले की ओर न्यायपालिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए पहल करेंगे.’