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अंबानी परिवार की शादी में जाएंगे जयपुर के कलाकार:बिल गेट्स और जुकरबर्ग समेत दुनियाभर की हस्तियों को दिखाएंगे राजस्थान की खास आर्ट जयपुर2 घंटे पहले

एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी के 3 दिवसीय प्री-वेडिंग इवेंट्स में जयपुर के कलाकारों को भी आमंत्रित किया है। जयपुर की पहचान कही जाने वाले ब्लू पॉटरी की युवा कलाकार गरिमा सैनी को लाइव डेमोंस्ट्रेशन और कलाकृतियों के साथ शादी समारोह में हिस्सा लेने के लिए बुलाया गया है।

इसके अलावा जयपुर के शिल्प गुरु बाबूलाल मारोठिया को मिनिएचर आर्ट को दुनियाभर से आने वाले मेहमानों के बीच प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है। प्री-वेडिंग के तीन दिन तक फंक्शन जामनगर में होंगे और जयपुर के ये दोनों कलाकार यहां अपनी कलाकृतियों के साथ उपस्थित रहेंगे।

इन फंक्शंस में बिजनेसमैन बिल गेट्स, फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप भी शामिल होंगी।

नीता अंबानी भारतीय कलाकारों को दे रही मंच
जयपुर की ब्लू पॉटरी आर्टिस्ट गरिमा सैनी ने बताया कि नीता मुकेश अंबानी पिछले कई साल से भारतीय कलाकारों को मंच प्रदान कर प्रोत्साहित कर रहे हैं। यह उनके परिवार का सबसे बड़ा फंक्शन है और इसमें देश-विदेश से नामचीन लोग शिरकत करने वाले हैं। उन हस्तियों के बीच भारतीय कलाओं की खूबसूरती का प्रदर्शन करने के लिए हमें आमंत्रित किया गया है।

गरिमा ने बताया- ब्लू पॉटरी जयपुर की पहचान है और तीन दिन तक हम इसकी खूबसूरती को दुनियाभर के लोगों के बीच पहुंचाने वाले हैं। यहां हम लाइव डेमोंस्ट्रेशन भी देंगे। हमारी कलाकृतियां फंक्शन में आने वाली नामचीन हस्तियों को गिफ्ट भी की जाएगी। यह हमारे लिए भी बड़ा मंच है, जहां हम जयपुर की कला की खूबसूरती को खास बनाने वाले हैं।

दुनियाभर में मिनिएचर आर्टिस्ट के शिष्य मौजूद
जयपुर के मिनिएचर आर्टिस्ट बाबूलाल मारोठिया को भी वेडिंग में कलाकृतियों के साथ मंच मिला है। वे राजस्थान के सिद्धहस्त कलाकार हैं। राजस्थान की विभिन्न चित्रकला शैलियां जैसे जयपुर, कोटा, किशनगढ़ के साथ-साथ कंडगा, बसोली, मालवा जैसी अन्य भारतीय चित्रकला शैलियों में लघुचित्र बनाने के लिए विख्यात हैं। उत्कृष्ट कलाकृतियों के लिए इन्हें भारत सरकार के शिल्प गुरु सम्मान के साथ कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच से सम्मानित किया जा चुका है। संस्कृति कला केंद्र के माध्यम से करीब 20 हजार लोगों को मारोठिया अब तक प्रशिक्षित कर चुके हैं।

नीता मुकेश अंबानी के कल्चरल सेंटर में भी मिल चुकी है जगह
मुंबई में नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर के इनोग्रेशन के वक्त भी जयपुर की ब्लू पॉटरी को जगह मिल चुकी है। गरिमा ने बताया कि मेरे पिता शिल्प गुरु गोपाल सैनी के साथ मुझे यहां ब्लू पॉटरी की कलाकृतियों के साथ मंच मिला था। हमारी आर्ट को तब देश-दुनिया से आए सेलिब्रिटी ने काफी पसंद किया था। हॉलीवुड से आए स्टार्स ने भी ब्लू पॉटरी आर्ट को अपने कलेक्शन का हिस्सा भी बनाया।

हॉलीवुड एक्टर टॉम हॉलैंड की फिल्म में स्पाइडर मैन की गर्लफ्रेंड का रोल निभाकर सबका दिल जीतने वाली एक्ट्रेस जैंडेया भी इसके उद्घाटन में शामिल होने इंडिया आई थीं। कल्चरल सेंटर में प्रदर्शित ब्लू पॉटरी आर्ट को देखकर वे काफी प्रभावित हुईं। ब्लू पॉटरी के इतिहास और आर्ट स्टाइल को जानने के बाद उन्होंने 23 इंच का ब्लू पॉटरी वाला पॉट खरीदा। वे इसे खरीदकर काफी उत्साहित थीं।

जामनगर में तीन दिन तक होंगे इवेंट
जामनगर के रिलायंस ग्रीन में 1 से 3 मार्च तक कार्यक्रम होंगे। यहां राजस्थान की पहचान बताने वाली ये कलाकृतियां लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेंगी। अनंत अंबानी की शादी बिजनेसमैन वीरेन मर्चेंट की बेटी राधिका मर्चेंट से होने जा रही है। उनकी शादी इस साल की सबसे चर्चित शादियों में से एक है। इसमें दुनियाभर की नामचीन हस्तियां शामिल होने के लिए आ रही हैं।

जामनगर स्थित रिलायंस टाउनशिप में प्री-वेडिंग फंक्शन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें बड़ी संख्या में बॉलीवुड के सितारे और क्रिकेटर पहुंचेंगे। अनंत अंबानी और राधिका की शादी 12 जुलाई को मुंबई में होगी। उससे पहले 1 से 3 मार्च तक अंबानी एस्टेट में प्री-वेडिंग का आयोजन किया जाएगा। इन समारोह में शामिल होने के लिए अंतरराष्ट्रीय मेहमान भी आएंगे।

ब्लू पॉटरी का इतिहास
ब्लू पॉटरी का इतिहास उतना ही पुराना है, जितना मानव सभ्यता का। पहले मिट्टी के पात्र बने और धीरे-धीरे चिकनी सतह के मिट्टी के पात्र बने। हड़प्पा और मोहनजोदाड़ो सभ्यता से लेकर गुप्त काल तक ग्लेज किए हुए बर्तन मिलने के प्रमाण मिलते हैं। कांच का आविष्कार हुआ तो कांच की चमक चढ़ाने की विधा भी खोज निकाली गई। इस बात का भी पता लगा कि खार युक्त मिट्टी के साथ तांबे की भस्म गर्म करने से उसका रंग फिरोजी नीला हो जाता है। इन नीले पात्रों को अंग्रेजों ने ब्लू पॉटरी कहना शुरू कर दिया।

ईरानी भाषा में तो इसे संगीने या आतीके और इसके कारीगरों को संगीने साज या आतीके साज कहा जाता था। ईरान से यह कला अफगानिस्तान होती हुई हिन्दुस्तान के मुल्तान, लाहौर, दिल्ली और आगरा शहरों में आई। हिन्दुस्तान के आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के समय दिल्ली में ईरानी संगीने साज काम करता था। इसी संगीने साज से दिल्ली के भोला कुम्हार ने इस कला को सीखा और उसे अपने परिवार की विरासत बनाया।

जयपुर के तत्कालीन महाराजा सवाई रामसिंह बड़े कला प्रेमी थे। उन्होंने दूर-दूर से कलाकारों और ब्लू पॉटरी शिल्पियों को जयपुर बुलाया। रियासतकाल के बाद पद्मश्री कृपाल सिंह शेखावत और उनके शिष्य गोपाल सैनी ने इस कला को नए आयाम प्रदान करते हुए आगे बढ़ाया। आज ब्लू पॉटरी का काम भारत में केवल जयपुर में ही होता है।

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