एक रिसर्च में बात सामने आई है कि मिलनसार और लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित लोगों में अवसाद और बैचेनी होने का खतरा कम होता है। इसलिए अगर कोई आपको लोगों से कम मिलने जुलने और चुप बैठने की सलाह दे ंतो उस पर बिल्कुल भी ध्यान न दें। अध्ययन में यह पता चला है कि तंत्रिका रोग से ग्रसित लोगोें में अवसाद और बैचेनी होने का खतरा अधिक होता है, लेकिन अगर ये लोग बहुत ज्यादा बहिर्मुखी और कर्तव्यनिष्ठ है तो वे इन समस्याओं से बच सकते हैं।
न्यूरोटिसिज्म में व्यक्ति में विभिन्न नकारात्मक भावनाएं दिखाई देती है। मिलनसार और कर्तव्यनिष्ठा के साथ ही सहमति और खुलापन उन पांच गुणों में शामिल है जिनके मौजूद रहने पर किसी भी व्यक्ति के अवसादग्रस्त होने का खतरा कम होता है। अमेरिका में यूनिवर्सिटी एट बफेलो की क्रिस्टीन नारागोन गैनी ने कहा कि अगर कोई बहुत ज्यादा मिलनसार है तो वह समाज से समर्थन जुटा सकता है या सामाजिक माध्यमों के जरिए अपनी सकारात्मक भावनात्मकता बढा सकता है। इसी तरह एकाग्रचितता से अपने लक्ष्य के प्रति काम करने से अवसाद से बचा जा सकता है। यह अध्ययन जर्नल ऑफ रिसर्च इन पर्सनैलिटी में प्रकाशित हुआ है।
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