ना हो मायूस इस दुनिया में कोई उदास नही है
जहाँ में किसी के तेरी हँसी छाँ जायेगी…..
क्योंकि तू कोई आम इंसान नही है….
तराशा होगा तुझे किसी ने खूब हर कोई ऐसे चमकता नही है……
कुछ बडा करने का जो जज्बा है तुझमें……….
वजूद है वो तेरा उसे मिटाना नही है………………
शिकवे गिले तो किस्मत से भी खूब होते हैं………..
इंसान का क्या है वो तो खुद किसी का नही है………..
नजारे खूबसूरत कहलाते हैं जब मुस्कुराता है तू तेरे मायूस होने पर
तो ये सूरज भी जलता नही है……………..
ठोकर मार उस हर एक को जो तेरी मंजिल नही है
गले लगा उस हर एक को जिसने तुझे उस पार जाने से रोका नही है……………
कह दे अपनी किस्मत को भी तू मेरी नही है जब तक मेरे साथ नही है…….
देखेगी दुनिया भी एक दिन मेहनत से बडी कभी किस्मत नही है…….
जी ले इस जहाँन में वो हक जीने का छीन न तो खुद किसी के बस में नही है
तो क्यों है मायूस फिर ये शोला भी तेरे मुस्कुराये बिना भडकता नही है…..
ये सूरज भी तेरे न हँसने से जलता नही है।
यशस्वी वर्मा
छात्रा, कला विभाग