Breaking News
Home / Creativity / ‘हम गायब होने वालों में से नहीं हैं..

‘हम गायब होने वालों में से नहीं हैं..

”हम गायब होने वालों में से नहीं हैं…, जहां-जहां से गुजरते हैं जलवा दिखाते हैं, दोस्त तो क्या, दुश्मन भी याद रखते हैं।ÓÓ 1981 में आई ‘सिलसिलाÓ में शशि कपूर ने यह डायलॉग बोला था। 4 दिसम्बर को शशि कपूर का लंबी बीमारी के बाद 79 साल की उम्र में निधन हो गया, लेकिन वाकई में वे कभी गायब नहीं होंगे। ना हमारी यादों से, ना अपनी फि ल्मों से। 37 साल के कॅरियर मेें 160 फि ल्मों में काम किया। 2011 में उन्हें पद्मभूषण और 2015 में दादा साहब फ ाल्के पुरूस्कार से सम्मानित किया गया। शशि का जीवन बहुत अनुशासित था, इसी कारण पूरा कपूर खानदान उन्हें ‘अंग्रेज कपूरÓ कहकर बुलाता था। शशि दिन में 15-18 घंटे तक शूटिंग करते रहते थे,इसी वजह से राजकपूर उन्हें ‘टैक्सी कपूरÓÓ कहकर बुलाते थे। अपनी बुलंदी के दिनों में ही शशि ने लीक से हटकर फि ल्मों के निर्माण की योजना भी बनाई।
1948 से लेकर 1953 तक शशि कपूर ने चार फि ल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया। भारत के पहले इंटरनेशनल स्टार भी शशि ही थे। 1982 में हॉलीवुड फि ल्म ‘हीट एंड डस्टÓ में काम के बाद वे 10 से ज्यादा हॉलीवुड फि ल्मों में दिखाई दिए। उस दौर में शशि जैसा मिलनसार कोई नहीं था। फि ल्म सेट पर मौजूद स्पॉट बॉय से लेकर बड़े-बड़े कलाकारोंं से वे दिल खोलकर मिला करते थे।
शशि का असली नाम बलबीर राज कपूर था, लेकिन शशि की मां को इस नाम से चिढ़ थी। इसलिए वे उन्हें बलबीर

की जगह शशि के नाम से पुकारने लगीं, क्योंकि वे हमेशा चांद की ओर देखा करते थे।
‘जब-जब फू ल खिले एक खूबसूरत और मासूम प्रेम कहानी जब पर्दे पर उतरी,तो एक मुस्कुराते हुए नायक की छवि भी दर्शकों के जेहन में उतर गई। बतौर अभिनेता शाशिकपूर का सिनेमाई सफ र 1961 में यश चोपड़ा की फि ल्म ‘धर्मपुत्र से हुआ। इसके बाद वे विमल राय की फि ल्म ‘प्रेम पत्र में नजर आए, लेकिन ये फि ल्में ज्यादा हिट नहीं हो सकीं। असफलताएं कांटें की तरह उनके कॅरियर में उलझती रहीं, लेकिन वे खुद बेहद सुलझे हुए थे। अपने इसी भरोसे के साथ जब 1965 में वे अभिनेत्री नंदा के साथ ‘जब-जब फू ल खिले में कश्ती चलाते नजर आए, तो उनके कॅरियर की भी नैया पार लग गई।
अमिताभ बच्चन क ा दौर शुरू होते ही फि ल्मों से रोमांस कम होने लगा। शशि कपूर इन बदले हालातों में भी ढ़ल गए और सहनायक के रूप में भी उन्होंने बेहतर काम किया। ‘दीवारÓ फि ल्म का डायलॉग ‘मेरे पास मां हैÓकाफ ी हिट हुआ। 4 दिसम्बर क ो फि ल्मी दुनिया का यह सितारा आसमान का सितारा बन गया। लेकिन उनकी यादों की रोशनी उनके गानों, डायलॉग और उनके मुस्कुराते चेहरे से हमेशा हमे सभी को रोशन करती रहेगी।

Check Also

जयपुर में फिटनेस के लिए ऑटोमेटिक टेस्टिंग स्टेशन शुरू:स्थानीय सेंटर पर जाने की जरूरत नहीं होगी, टू-व्हीलर की भी होगी जांच

Share this on WhatsAppराजस्थान के 83 फिटनेस सेंटर 1 अक्टूबर 2024 से बंद हो जाएंगे, …

Gurukpo plus app
Gurukpo plus app