जयपुर। देश की राजधानी दिल्ली में चार साल पहले घटित हुए निर्भया मामले के बाद केन्द्र सरकार ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 बनाया था। इसमें बाल अपचारियों के लिए प्लेस ऑफ सेफ्टी का प्रावधान किया गया था। इस कानून के लागू होने के 1 साल बाद बाल अपचारियों के लिए राज्य में प्लेस ऑफ सेफ्टी तैयार किया गया है।दिल्ली और गुजरात के बाद अब राजस्थान में प्लेस ऑफ सेफ्टी बनाने वाले राज्यों में शामिल हो गया है। सूबे में यह भीलवाड़ा के किशोर गृह के भवन में बनाया गया है। एक महिने पहले शुरू हुए ‘प्लेस ऑफ सेफ्टी’ में झुंझूनूं से एक बाल अपचारी को शिफ्ट किया जा चुका है। इस बच्चे को झुंझूनूं की बाल अदालत ने प्लेस ऑफ सेफ्टी में भेजा है।
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