जन्मदिन विशेष: फिल्ममेकर ही नहीं, बेहतरीन एक्टर भी हैं करण जौहर

करण जौहर जिन्‍हें लोग केजो के नाम से भी जानते हैं, भारतीय फिल्‍म डायरेक्‍टर, निर्माता, स्‍क्रीनराइटर, कास्‍ट्यूम डिजाइनर, अभिनेता और टेलीविजन पर्सनालिटी हैं जो कि हिन्‍दी फिल्‍मों में अपने बेहतरीन काम की वजह से जाने जाते हैं। करण जौहर का जन्म 25 May 1972  मुंबई में हुआ था। उनके पिता का नाम यश जौहर है जो कि बॉलीवुड फिल्‍मों के निर्माता और धर्मा प्रोडक्‍शन्‍स के संस्‍थापक थे। उनकी मां का नाम हीरू जौहर है।

करियर :-

करण जौहर ने फिल्‍म ‘दिलवाले दुल्‍हनिया ले जाएंगे’ से सहाय‍क निर्देशक के तौर पर फिल्‍म इंडस्‍ट्री में शुरूआत की जो कि हिन्‍दी सिनेमा की लैंडमार्क फिल्‍मों में से एक मानी जाती है। इस फिल्‍म में उन्‍होंने शाहरूख के दोस्‍त का एक छोटा सा किरदार भी निभाया था। निर्देशक के तौर पर उनकी पहली फिल्‍म ‘कुछ कुछ होता है’ थी। जो ब्‍लाकबस्‍टर रही। यह फिल्‍म एक प्रेम त्रिकोण पर आधारित थी। फिल्‍म की काफी सराहना हुई और फिल्‍म ने कई पुरस्‍कार जीते। इसके बाद कभी खुशी कभी गम, कभी अलपिदा ना कहना, माय नेम इज खान। इन सभी फिल्‍मों में करन ने अपने अजीज दोस्‍त शाहरूख को ही लीड रोल में कास्‍ट किया। इनके बाद आई उनकी निर्माता-निर्देशक के तौर पर फिल्‍मों में उन्‍होंने नई पीढ़ी को कास्‍ट करना शुरू कर दिया। कई फिल्‍मों में वे कैमियो में भी नजर आए आ चुके हैं।

प्रसिद्ध फिल्‍में-

डायरेक्‍टर के तौर पर :-

कुछ कुछ होता है, कभी खुशी कभी गम, कभी अलविदा ना कहना, माय नेम इज खान, स्‍टूडेंट ऑफ द ईयर, बॉम्‍बे टॉकीज।

निर्माता के तौर पर :-

कल हो ना हो, काल, कभी अलविदा ना कहना, दोस्‍ताना, कुर्बान, वेक अप सिड, मास नेम इज खान, आई हेट लव स्‍टोरीज, वी आर फैलिली, अग्निपथ, एक मैं और एक तू, स्‍टूडेंट ऑफ द ईयर, गिप्‍पी, ये जवानी है दीवानी, गोरी तेरे प्‍यार में, हंसी तो फंसी, 2 स्‍टेट्स, हंपटी शर्मा की दुल्‍‍हनिया, उंगली।

लेखक के तौर पर :-

कुछ कुछ होता है, कभी खुशी कभी गम, कल हो ना हो, कभी अलविदा ना कहना, माय नेम इज खान, स्‍टूडेंट ऑफ द ईयर, बॉम्‍बे टॉकीज।

टीवी पर भी छाए करण:-

टीवी पर करण ने ‘कॉफी विद करण’ नाम का शो होस्‍ट किया जिसमें सेलिब्रिटीज से वे बातचीत करते हैं। साक्षात्‍कार देने वालों में अभिनेता, निर्देशक, निर्माता और हिन्‍दी फिल्‍म इंडस्‍ट्री के अन्‍य प्रतिष्ठित नाम हैं। यह शो काफी पापुलर हुआ और कई बार चर्चा का विषय बना रहा। इस शो में भी करन लगभग हर बड़े सेलिब्रिटी को बुला चुके हैं और उनसे बातें कर चुके हैं। इंडस्‍ट्री में लगभग सभी से अच्‍छे संबंध होने की वजह से उनके एक बार के बुलावे पर सभी चले आते हैं।

पिता का नाम लेने में आती थी शर्म :-

 करण जौहर के बचपन में एक समय ऐसा भी था जब इन्हें अपने पिता का नाम लेने में भी शर्म महसूस होती थी।  उस दौरान यश जौहर ने फिल्म ‘मुकद्दर का फैसला’ (Muqaddar Ka Faisla) बनाई थी जो बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हो गई थी।  ‘मुकद्दर का फैसला’ के फ्लॉप होने के बाद वह सभी को ये नहीं बताते थे कि यश उनके पिता हैं. वो कहते थे कि उनके पिता एक बड़े बिजनेसमैन हैं।

 

राधिका अग्रवाल

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