पूर्वा चतुर्वेदी
गोबर का घर: गर्मियों में ठंडक, हवा भी शुद्ध
एक तरफ़ जहां पूरी दुनिया आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रही है वहीं दूसरी तरफ़ हरियाणा के रहने वाले एक शख्स ने गोबर से बने ईंट के इस्तेमाल से घर बनाया है।
यह पढ़ कर आपको थोड़ा अजीब ज़रूर लग रहा होगा लेकिन यह बात बिलकुल सच है। रोहतक ज़िला के मदीना गांव के रहने वाले डॉ शिवदर्शन मलिक ने इस अजूबे घर को बनाया है।
यहां तक की घर के प्लास्टर के लिए भी सिमेंट की जगह गोबर से बने वैदिक प्लास्टर का इस्तेमाल किया है।
 एसी काम क्या करता है? आपके घर-ऑफिस को ठंडा करता है, यही न! यानी बाहर 38 डिग्री टेंपरेचर हो तो उसे 18 से 27 के बीच ले आता है और आपको गर्मी नहीं लगती.
लेकिन अगर मकान ही ऐसा बनाया जाए, जिसमें गर्मी में एसी लगाने की जरूरत ही न पड़े तो…? यानी ऐसा मकान, जिसमें बाहर के मुकाबले 10 डिग्री कम टेंपरेचर हो. चौंकिए मत! ऐसा संभव है.
डॉ शिवदर्शन मलिक ने केमिस्ट्री सबजेक्ट से पीएचडी भी किया है और प्रोफेसर की हैसियत से उन्होंने पढ़ाने का काम भी किया है। उन्होंने ही गाय के गोबर से वैदिक घर बनाने की इस तकनीक को इजाद किया है।
शिवदर्शन मलिक ने IIT दिल्ली के साथ मिलकर साल 2000 में गोशालाओं से निकलने वाले वेस्ट और एग्री वेस्ट से उर्जा बनाने के प्रोजेक्ट पर काम किया था। इस सिलसिले में वो अमेरिका भी गए थे।
अमेरिका में उन्होंने भांग के पत्तों में चुना मिलाकर हैमक्रिट बनाने और उससे घर बनते देखा। इसी से उन्हें गाय के गोबर से प्लास्टर बनाने का ख़्याल आया।
कैसे आया गोबर की ईंट और प्लास्टर का आइडिया?
पर्यावरण, रिन्युएबल एनर्जी और सस्टेनेबिलिटी पर वे काम करना चाहते थे और ऐसे में वर्ष 2000 में IIT दिल्ली के साथ मिलकर, गोशालाओं से निकलने वाले वेस्ट और एग्री-वेस्ट से ऊर्जा बनाने के प्रोजेक्ट पर काम किया.
द बेटर इंडिया से बातचीत में उन्होंने बताया है कि कुछ प्रोजेक्ट्स के सिलसिले में वे अमेरिका गए थे. वहां उन्होंने भांग के पत्तों में चूना मिलाकर हैमक्रिट बनाने और उससे घर तैयार करते हुए देखा.
वहीं से उन्हें आइडिया आया कि वे भी गाय के गोबर का इस्तेमाल कर प्लास्टर तैयार कर सकते हैं
 Biyani Times Positive News
Biyani Times Positive News  
   
   
   
  