स्पेसएक्स ने फाल्कन रॉकेट से चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) भेजा। यह नासा का पहला ऐसा मिशन है, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस पर भेजने के लिए किसी निजी अंतरिक्ष यान की मदद ली गई है। 27 घंटे की उड़ान के बाद ड्रैगन कैप्सूल यान मंगलवार सुबह आइएसएस पर पहुंचा और यह अप्रैल तक यहां रहेगा।
सोमवार सुबह तीन अमेरिकियों और एक जापानी नागरिक को लेकर फाल्कन रॉकेट ने केनेडी अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी थी। स्पेस एक्स के यान से दूसरी बार अंतरिक्ष यात्रियों को रवाना किया गया था। इस ड्रैगन कैप्सूल यान को इसके चालक दल के सदस्यों ने वर्ष 2020 में दुनियाभर में आई चुनौतियों को देखते हुए ‘रेसिलियंस‘ नाम दिया गया है।
कमांडर माइक हॉप्किन्स ने प्रक्षेपण से ठीक पहले कहा, ‘‘इस मुश्किल समय में मिलकर काम करके, आपने देश एवं दुनिया को प्रेरित किया है। इस शानदार यान को रेसिलियंस नाम दिया गया है।’’ स्पेसएक्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी एलन मस्क को कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण दूर से ही इस पर नजर रखने पर मजबूर होना पड़ा। कैप्सूल के कक्षा में पहुंचते ही कैलिफोर्निया में स्थित स्पेसएक्स मिशन कंट्रोल में मौजूद लोगों ने तालियां बजाईं। इस प्रक्षेपण से अमेरिका और अंतरिक्ष स्टेशन के बीच चालक दल के सदस्यों के बारी–बारी से आने जाने की लंबी श्रृंखला की शुरुआत होगी। अधिकारियों ने कहा कि अधिक लोगों का मतलब है कि प्रयोगशाला में अधिक वैज्ञानिक अनुसंधान होगा। अमेरिका के उपराष्ट्रपति एवं राष्ट्रीय अंतरिक्ष परिषद के अध्यक्ष माइक पेंस ने नासा प्रशासक जिम ब्रिडनस्टीन के साथ मिलकर प्रक्षेपण देखा।