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जयपुर से अयोध्या के लिए तेल के 2100 पीपे रवाना

अनुष्का शर्मा

अयोध्या (उत्तर प्रदेश) में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। अयोध्या आने वाले रामभक्तों और संतों की सेवा का सौभाग्य जयपुर को भी मिलने जा रहा है। रामनगरी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान सीता रसोई में बनने वाला प्रसाद जयपुर से भेजे गए तेल-घी से बनेगा। इसके लिए यहां से सरसों के तेल के 2100 पीपे अयोध्या भेजे गए हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने यात्रा को भगवा ध्वज दिखाकर रवाना किया।

CM भजनलाल ने शोभायात्रा को किया रवाना

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को जयपुर के चांदपोल स्थित गंगा माता मंदिर से अयोध्या की सीता रसोई के लिए तेल के 2100 पीपों और राम दरबार शोभायात्रा को रवाना किया। उन्होंने कहा कि सीता रसोई के लिए सामग्री भेजना सौभाग्य की बात है। आराध्य भगवान श्रीराम हमारे रोम-रोम में बसते हैं। शर्मा ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर पूरे देश में उत्साह का माहौल है। अयोध्या दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र बन गया है। अयोध्या महोत्सव के साक्षी बनने वाले भक्तों के लिए सामग्री भेजने के पुण्य कार्य में जयपुरवासी सहभागी बने हैं, इसके लिए उन्हें साधुवाद देता हूं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने शंखनाद के बीच राम दरबार की पूजा-अर्चना करते हुए प्रदेश की सुख समृद्धि के लिए कामना की।

यह कार्यक्रम धर्मयात्रा महासंघ राजस्थान एवं श्री श्याम भजन संध्या परिवार सेवा समिति जयपुर की ओर से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा, हवामहल विधायक बालमुकुन्दाचार्य सहित बड़ी संख्या में धर्मावलंबी उपस्थित रहे।

2100 पीपे सरसों के तेल सीता रसोई के लिए रवाना

22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में मूर्ति स्थापना के समर्थन में धर्मयात्रा का आयोजन किया जा रहा है

धर्मयात्रा का मुख्य उद्देश्य रामलला के मंदिर में मूर्ति स्थापना के समर्थन में होगा, सीता रसोई में प्रसादी में होगा उपयोग

महासंघ द्वारा धर्मयात्रा के समर्थन में 2100 सरसो तेल के पीपे भेजे जा रहे हैं

यह तेल रामलला के दर्शन करने वाले भक्तों के लिए प्रसादी बनाने के लिए उपयोग किया जाएगा

तेल को बनाने में भारत भर से कच्ची सरसो मगवाई गई है और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने झंडी दिखा कर इसे रवाना किया है

तेल को धर्म महासंघ के मनोज मोरका द्वारा भेजा जा रहा है

सरसो की विविधता को बढ़ावा देने के लिए इस कच्ची सरसो का उपयोग किया जा रहा है

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