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प्रधानमंत्री ने सोमनाथ में कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया

अनुष्का शर्मा 

सोमनाथ मंदिर के समुद्र दर्शन पथ व प्रदर्शनी गैलरी का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुजरात स्थित सोमनाथ मंदिर के 1.5 किलोमीटर लंबे नवनिर्मित समुद्र दर्शन पथ और सोमनाथ प्रदर्शनी गैलरी का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस गैलरी में सोमनाथ मंदिर के खंडित अवशेष संजोकर रखे गए हैं। प्रधानमंत्री ने सोमनाथ ट्रस्ट के अंतर्गत दोबारा निर्मित किए गए जूना सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन और पार्वती मंदिर का शिलान्यास भी किया।प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया, उनमें सोमनाथ सैरगाह, सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र और पुराने (जूना) सोमनाथ का पुनर्निर्मित मंदिर परिसर शामिल हैं I

 इतिहास और आस्था का  सार

ये शिव ही हैं जो विनाश में भी विकास का बीज अंकुरित करते हैं, संहार में भी सृजन को जन्म देते हैं. इसलिए शिव अविनाशी हैं, अव्यक्त हैं और अनादि हैं. शिव में हमारी आस्था हमें समय की सीमाओं से परे हमारे अस्तित्व का बोध कराती है.”

प्रधानमंत्री का कहना है कि ये ऐसा स्थल है जिसे हजारों साल पहले हमारे ऋषियों ने ज्ञान का क्षेत्र बताया था, जो आज भी पूरे विश्व के सामने आहवान कर रहा है कि सत्य को असत्य से हराया नहीं जा सकता, आस्था को आतंक से कुचला नहीं जा सकता. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इस मंदिर को सैकड़ों सालों के इतिहास में कितनी ही बार तोड़ा गया, यहां की मूर्तियों को खंडित किया गया, इसका अस्तित्व मिटाने की हर कोशिश की गई, लेकिन इसे जितनी भी बार गिराया गया, ये उतनी ही बार उठ खड़ा हुआ.

सोमनाथ मंदिर के लोकार्पण का सौभाग्य मिलापीएम

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज मुझे समुद्र दर्शन पथ, सोमनाथ प्रदर्शन गैलरी और जीर्णोद्धार के बाद नए स्वरूप में जूना सोमनाथ मंदिर के लोकार्पण का सौभाग्य मिला है. साथ ही आज पार्वती माता मंदिर का शिलान्यास भी हुआ है. आज मैं, लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर को भी प्रणाम करता हूं जिन्होंने विश्वनाथ से लेकर सोमनाथ तक, कितने ही मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया. प्राचीनता और आधुनिकता का जो संगम उनके जीवन में था, आज देश उसे अपना आदर्श मानकर आगे बढ़ रहा है.

देश के प्राचीन गौरव आपस में पिरोहे हुए है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारे यहां जिन द्वादश ज्योतिलिंर्गों की स्थापना की गई है, उनकी शुरूआत सोमनाथ मंदिर से ही होती है. पश्चिम में सोमनाथ और नागेश्वर से लेकर पूरब में बैद्यनाथ तक, उत्तर में बाबा केदारनाथ से लेकर दक्षिण में भारत के अंतिम छोर पर विराजमान श्री रामेश्वर तक, ये 12 ज्योतिर्लिंग पूरे भारत को आपस में पिरोने का काम  करते हैI

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ और गुजरात के कच्छ के परिवर्तन जैसी पहलों को गुजरात ने बहुत नजदीक से देखा है, आधुनिकता को पर्यटन से जोड़ने का परिणाम देखा है। उन्होंने  “हर कालखंड की यह मांग रही है कि हम धार्मिक पर्यटन की दिशा में भी नई संभावनाओं को खोजें और लोकल अर्थव्यवस्था से तीर्थ यात्राओं का जो रिश्ता रहा है उसे और मजबूत करें।”

सोमनाथ आने वाले श्रद्धालु इन मंदिरों के भी कर पाएंगे दर्शन

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “सोमनाथ आने वाले श्रद्धालु अब यहां जूना सोमनाथ मंदिर के भी आकर्षक स्वरूप का दर्शन करेंगे, नए पार्वती मंदिर का दर्शन भी करेंगे. इससे यहां नए अवसरों और नए रोजगारों का भी सृजन होगा और स्थान की दिव्यता भी बढ़ेगी.

 

 

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