बेंगलुरू: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट की सीरीज के पहले भारतीय स्पिन जोड़ी रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा से बड़ी-बड़ी उम्मीदें लगाई जा रही थीं. कहा जा रहा था कि ऑस्ट्रेलियाई टीम की अनुभवहीन बल्लेबाजी, भारतीय स्पिन जोड़ी के आगे संघर्ष करती नजर आएगी. यह माना जा रहा था कि सबसे कम टेस्ट में 250 विकेट लेकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले अश्विन तो बेहद मारक साबित होंगे, लेकिन बेंगलुरू टेस्ट में तमिलनाडु के इस ऑफ स्पिनर का प्रदर्शन फीका सा रहा. टीम इंडिया के ट्रंप कॉर्ड माने जा रहे अश्विन के मुकाबले लेग स्पिनर रवींद्र जडेजा का प्रदर्शन अब तक बेहतर रहा है. बेंगलुरू टेस्ट के तीसरे दिन टीम इंडिया यदि ऑस्ट्रेलियाई पारी को 276 रन पर समेटने में सफल रही तो इसका श्रेय जडेजा के छह विकेट को जाता है.
मजे की बात यह है कि पहले दिन जब टीम इंडिया की पारी 189 रन पर समाप्त हो गई थी तो सबसे ज्यादा उम्मीदें अश्विन से ही लगाई जा रही थीं. पहले दिन के खेल के बाद लोकेश राहुल ने विश्वास के साथ कहा था कि अश्विन की गेंदबाजी के आगे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी ध्वस्त हो जाएगी. बहरहाल, अश्विन ने जहां पारी में तीन विकेट लिए वहीं जडेजा ने छह विकेट हासिल किए. जडेजा ने पारी में पांच या इससे अधिक लेने की उपलब्धि सातवीं बार हासिल की है.
विकेटों से ज्यादा अहम बात यह कि जडेजा की गेंदबाजी ज्यादा धारदार थी.वह टर्न के अलावा अपनी गति और उछाल से भी विपक्षी बल्लेबाजों के लिए मुश्किल बन रहे थे. जडेजा एक बार मैच में 10 या इससे अधिक विकेट भी हासिल कर चुके हैं. जडेजा की गेंदबाजी प्रतिभा के अश्विन भी कायल है. उन्होंने एक मौके पर कहा था, ‘जडेजा गेंदबाजी में बल्लेबाजों को बमुश्किल ही कोई मौका देते हैं, इससे मुझे गेंदों का फ्लाइट करने और गति का मिश्रण करने की आजादी मिलती है.’
जडेजा इससे पहले भी कई बार टीम इंडिया के लिए ‘छुपे रुस्तम’ साबित होते रहे हैं. जब विपक्षी टीम का पूरा ध्यान रविचंद्रन को सावधानी से खेलने पर केंद्रित होता है तब जडेजा हौले से आकर विपक्षी बल्लेबाजों के ‘डिफेंस को भेद’ जाते हैं. गेंदबाजों के तौर पर जडेजा की खासियत यह है कि वे बेहद सटीक हैं. आम लेफ्ट आर्म स्पिनरों की तुलना में उनकी गेंदें कुछ ज्यादा गति लिए होती हैं और इसी कारण वे विकेट से भरपूर उछाल पाने में सफल होते हैं. गुजरात के इस क्रिकेटर की एक और खासियत यह है कि वे जल्दी ही विकेट का मिजाज पढ़ लेते हैं और उसके मुताबिक अपने ‘बॉलिंग प्लान’ को कामयाबी के साथ अंजाम देते हैं.
सौराष्ट्र टीम से खेलने वाले चेतेश्वर पुजारा, गेंदबाज के रूप में जडेजा के काफी ऊंचा ‘रेट’ करते हैं. पुजारा तो जडेजा को अनिल कुंबले के स्तर का गेंदबाज मानते हैं. पुजारा ने एक बार कहा था, जडेजा को आप अनिल कुंबले की ‘परछाई’ कह सकते हैं. अगर आप उनका सामना कर रहे हैं तो हर गेंद को सावधानी से खेलना होगा. जडेजा लाइन-लेंथ को बेहद सटीक रखते हैं और इसी कारण विकेट लेने में सफल रहते हैं.