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30 साल के स्वास्तिक ने तैयार की पहली स्वदेशी मोटर व्हीलचेयर

अंजलि तंवर

बिजली से चार्ज होने वाली यह व्हीलचेयर भारत की पहली स्वदेशी मोटर व्हीलचेयर है। यह किसी भी तरह की सड़कों पर यहां तक कि ऊबड़-खाबड़ जमीन पर भी चल सकती है। इसकी स्पीड 25 किमी प्रति घंटा होगी। अभी तक देशभर में 600 से ज्यादा लोगों को व्हीलचेयर बेच चुके हैं। तकरीबन 150 जरूरतमंद लोगों को इन लोगों ने फ्री में भी व्हीलचेयर दी है।

खुले आसमान के नीचे, सड़कों पर, तंग गलियों में, खेतों में, बाजारों में बेफिक्री से बिना किसी मदद के घूमना भी एक तरह की आजादी है। ये आजादी उन दिव्यांगों यानी हैंडीकैप्ड लोगों के लिए सीमित हो जाती है, जब उन्हें हर छोटे-बड़े काम के लिए किसी और पर निर्भर होना पड़ता है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में तकरीबन 3 लाख व्हीलचेयर हर साल बिकती हैं। इसमें से 2.5 लाख यानी दो तिहाई इम्पोर्ट की जाती हैं। इनमें से 95% व्हीलचेयर एक ही साइज की होती हैं, जो सभी के लिए कंफर्टेबल भी नहीं होतीं।

ऐसे लोगों की तकलीफ को देखते हुए IIT मद्रास से पास आउट स्वास्तिक सौरव दास और उनकी प्रोफेसर सुजाता श्रीनिवासन की टीम ने एक पहल की है। ये लोग अपने एक नए स्टार्टअप ‘निओमोशन’ के तहत पर्सनलाइज्ड व्हीलचेयर बना रहे हैं, जिसकी मदद से कोई भी हैंडीकैप्ड अपने हिसाब से व्हीलचेयर तैयार करवा सकते हैं।

सामाजिक बदलाव के मकसद से रिसर्च करना शुरू किया

30 साल के स्वास्तिक सौरव दास ओडिशा के रहने वाले हैं। इन्होंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई IIT मद्रास से की है। शुरू से ही स्वास्तिक सामाजिक बदलाव के लिए काम करना चाहते थे।

फाइनल ईयर में इन्हें रिहैबिलिटेशन रिसर्च डिजाइन एंड डिसेबिलिटी सेंटर, IIT मद्रास में अपनी प्रोफेसर के अंडर रिसर्च करने का मौका मिला। रिसर्च के दौरान वे भारत के 40 शहरों में तकरीबन 200 हैंडीकैप्ड लोगों से मिले जो व्हीलचेयर का इस्तेमाल करते थे।

ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर भी चल सकती है यह व्हीलचेयर

निओमोशन के तहत पर्सनलाइज्ड व्हीलचेयर फिलहाल दो तरह की हैं। एक नियोफ्लाई और दूसरी निओबोल्ट। नियोफ्लाई टाइप में व्हीलचेयर को हेल्थ और लाइफस्टाइल के मुताबिक 18 तरीकों से मॉडिफाई किया जा सकता है।

जबकि निओबोल्ट वाली व्हीलचेयर में अलग से एक मोटर लगाई गई है। इसकी मदद से इसे एक स्कूटर में बदला जा सकता है। मोटराइज्ड व्हीलचेयर को एक बार चार्ज करने पर 25 किलोमीटर तक का सफर किया जा सकता है।

इतना ही नहीं इसमें सेफ्टी फीचर्स जैसे ब्रेक, हॉर्न, लाइट और मिरर भी लगे हैं। इसकी मदद से ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर, खेतों में, सड़कों और फ्लाई ओवर तक भी आसानी से सफर किया जा सकता है। इसके साथ ही इसे पार्क करने में दिक्कत नहीं है।

ये कहीं भी आसानी से पार्क की जा सकती है।स्वास्तिक बताते हैं कि निओमोशन स्टार्टअप के पीछे हमारा मकसद व्हीलचेयर यूजर को स्वतंत्र बनाना है। 4 दीवारी से निकल वे भी आम लोगों की तरह बाहर जा सकें, अपने सभी छोटे-बड़े काम खुद ही करे सकें।

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