प्रत्येक साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. इस दिन देशभर में योग से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें न केवल योग के महत्व को बताया जाता है बल्कि लोगों को योग करने हेतु जागरूक भी किया जाता है। विश्व के सभी देश योग के महत्व को समझते हुए योग दिवस को मनाते हैं।
योग का अभ्यास शरीर एवं मस्तिष्क की सेहत के लिए फायदेमंद है. योग शरीर को रोगमुक्त रखता है तथा मन को शांति भी देता है। बता दें कि भारत में ऋषि मुनियों के दौर से योग होता आ रहा है। योग भारतीय संस्कृति से जुड़ा है, जो अब विदेशों में भी फैल गया है. योग दिवस के दिन विश्वभर के लोग इकट्ठा होकर जगह-जगह योग दिवस मनाते हैं।
खास है इंटरनेशनल योगा डे 2022 की थीम
यूएन के मुताबिक, पूरी दुनिया के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम ‘मानवता के लिए योग ‘ रखी गई है। इस योग दिवस की थीम ‘योगा फॉर ह्यूमैनिटी’ भी कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए चुनी गई है। क्योंकि कोरोना महामारी ने ना सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि चिंता, अवसाद जैसी मनोवैज्ञानिक और मानसिक समस्याएं भी दी हैं। जो कि इस समय मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। वहीं, योग का मूल सार सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखना या फिर दिमाग व शरीर के बीच संतुलन बनाना नहीं है, बल्कि दुनिया में मानवीय रिश्तों के बीच संतुलन बनाना भी है. इसलिए ही मानवता के लिए योग का सहारा लिया जाना चाहिए।
21 जून को योग दिवस मनाने का कारण
हर साल 21 जून को योग दिवस मनाने के पीछे दो कारण मुख्य कारण है, जिसमें से पहला कारण यह है कि साल के इस दिन सूर्य की किरणें सबसे ज्यादा देर तक धरती पर रहती हैं। जिसको प्रतीकात्मक रूप से मनुष्य के स्वास्थ्य और जीवन से जोड़ा जाता है। वहीं, दूसरा कारण यह भी माना जाता है कि 21 जून को ग्रीष्म संक्राति को सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और इसके बाद आने वाली पूर्णिमा को भगवान ने शिव ने अपने सात शिष्यों को पहली बार योग की दीक्षा दी थी। हालांकि, यह कारण पौराणिक और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है।