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SII ने सर्वाइकल कैंसर के लिए विकसित किया टीका, DCGI की कमेटी ने की सिफारिश

भारत में सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के द्वारा विकसित किए गए टीके को केंद्रीय औषधि प्राधिकरण के विशेषज्ञों की एक टीम ने बाजार विपणन मंजूरी प्रदान करने की बुधवार को सिफारिश की। आपकी जानकारी के लिए बता दे एसआईआई ने’सर्वाइकल कैंसर’ रोधी टीके ‘क्वैडरीवेलेंट ह्रयूमन पैपील्लोमावायरस’ को विकसित किया है। डीजीसीआई (DGCI) की विशेषज्ञ समिति ने सीरम संस्थान (SII) के स्वदेशी रूप से विकसित क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पेपिलोमावायरस वैक्सीन की सिफारिश 9 साल से 26 साल से अधिक उम्र के सर्वाइकल कैंसर के रोगियों (पुरुष एवं महिला) के लिए की हैं।

सर्वाइकल कैंसर की विदेशी वैक्सीन उपलब्ध
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह वैक्सीन इस साल के अंत तक लॉन्च हो सकती है. इस वैक्सीन के फेस 2 एवं फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल पूरे हो चुके हैं. बता दें भारत में अभी सर्वाइकल कैंसर की विदेशी वैक्सीन उपलब्ध हैं. इसकी कीमत 4 हजार रुपये तक है।

भारत में सर्वाइकल कैंसर
भारत में सर्वाइकल कैंसर 15 वर्ष से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में दूसरा सबसे अधिक बार होने वाला कैंसर है. यदि देखा जाए तो विश्व स्तर पर सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में चौथा सबसे अधिक बार होने वाला कैंसर है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, भारतीय महिलाओं में यह दूसरा सबसे अधिक बार होता है।

SII ने सर्वाइकल कैंसर के लिए विकसित किया टीका, DCGI की कमेटी ने की सिफारिश

ट्रायल में मिले बेहतर नतीजे

SII ने आवेदन में दावा किया है कि क्यूएचपीवी टीका सेरवावैक ने मजबूत एंटीबॉडी प्रतिक्रिया दिखाई है.  सभी एचपीवी वायरस पर एंटीबॉडी रिस्पांस बेसलाइन से 1000 गुना ज्यादा देखा गया है। आवेदन में प्रकाश कुमार ने कहा कि हर साल लाखों महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के साथ-साथ कुछ अन्य कैंसर का पता चलता है और मृत्यु अनुपात भी बहुत अधिक है. भारत में सर्वाइकल कैंसर 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में दूसरा सबसे अधिक बार होने वाला कैंसर है.

महिलाओं को खतरा ज्यादा

भारत में हर साल सर्वाइकल कैंसर के 80,000-90,000 मामले सामने आते हैं। विश्व स्वास्थ कैंसर से होने वाली मौतों का एक तिहाई हिस्सा है।

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