मांडलगढ़। जापरपुरा का राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल जिद और सकारात्मक प्रयासों का उदाहरण है । स्कूल में दो दिव्यांग शिक्षक है। बच्चों को पढने की जिद ऐसी की कभी छुट्टी नहीं लेते है। ऊँची पहाड़ी पर स्कूल होने से बच्चे सुबह पहाड़ी के नीचे दोनों शिक्षको के इंतजार करते है। जैसे ही शिक्षक आते है,वे ट्राइसाइकिल को पहाड़ी पर चढ़ाते है। परिणाम हर साल 100% रहता है।
पहाड़ी पर स्कूल,दोनों शिक्षक दिव्यांग,बच्चे रोज ट्राइसाइकिल से लाते ले जाते है
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