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ज़ी.एस.टी से कैसे तेज होगी अर्थव्यवस्था की रफ्तार, जानिए आर्थिक विशेषज्ञों की राय

नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने वर्ष 2011 में पहली बार जीएसटी के लागू होने की बात की थी तब कहा गया था कि इससे देश की आर्थिक विकास दर 1.5 से 2 फीसद तक की अतिरिक्त रफ्तार पकड़ सकती है। बुधवार को राज्य सभा में जब जीएसटी विधेयक पारित हुआ तब भी कई विशेषज्ञों व आर्थिक सलाहकार एजेंसियों ने इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को कई फायदे होने की बात कही है। सरकार की तरफ से भी इसका समर्थन किया गया है।

दरअसल, जीएसटी को लागू करने से जिस तरह से काले धन पर लगाम लगने, कर दायरा बढ़ने और निवेश के माहौल में सुधार होने की उम्मीद लगाई गई है अगर वे सब सच साबित होते हैं तो निश्चित तौर पर आर्थिक विकास दर को मौजूदा स्तर से बढ़ाने में सहूलियत होगी।

क्या कहते हैं आर्थिक विशेषज्ञ

आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव शक्तिकांत दास मानते हैं कि जीएसटी की वजह से मध्यम अवधि (संभवत: तीन वर्ष) में देश की आर्थिक विकास दर आठ फीसद या इससे ज्यादा की हो सकती है। चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने साढ़े सात फीसद की विकास दर की उम्मीद लगाई है। पिछले दो वित्त वर्षो से भारत की आर्थिक विकास दर सात से साढ़े साथ फीसद की रफ्तार पर टिकी हुई है। दास की इस बात का समर्थन फिच रेटिंग एजेंसी भी करती नजर आती है।

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कारोबार का माहौल सुधरेगा

फिच के मुताबिक जीएसटी को सही तरीके से लागू करने से भारत में कारोबार का माहौल काफी तेजी से सुधरेगा। यह लंबी अवधि (संभवत: पांच वर्ष से ज्यादा) में भारत की विकास दर को काफी बेहतर स्थिति में ले कर जाएगा।

निवेश का माहौल सुधरेगा।

जीएसटी की राह बनने की उम्मीद पर जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय व घरेलू रेटिंग एजेंसियों ने उत्साह दिखाया है उससे इस बात का भी संकेत मिलता है कि यह देश में निवेश के माहौल को सुधारने में एक अहम कदम साबित होगा।

कर संग्रह बढ़ेगा

मूडीज ने कहा है कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक कदम है। मध्यम अवधि के लिए इस कदम से भले ही बहुत असर नहीं पड़े लेकिन लंबी अवधि में जीएसटी निश्चित तौर पर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक कदम साबित होगा। इससे सरकार की लागत कम होगी और कर संग्रह बढ़ेगा।

बताते चलें कि फिच और मूडीज दोनों की तरफ से निकट भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था की रेटिंग की जानी है। यही नहीं जीएसटी की वजह से ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की अंतरराष्ट्रीय रैकिंग में भी भारत के स्थान में सुधार आने के आसार हैं।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी की वजह से देश में कारोबार करने की राह आसान होने की बात कही है उसका लब्बो-लुआब भी यही है। मोदी सरकार की तरफ से इस रैकिंग में सुधार की लगातार कोशिश हो रही है।जानकारों का कहना है कि जीएसटी से अर्थव्यवस्था को एक अहम फायदा यह होगा कि छोटे स्तर पर होने वाले हर तरह के कारोबार व्यवस्था का हिस्सा बन जाएंगे। यह छोटे कारोबार में काले धन का खात्मा करने में एक अहम उपाय साबित हो सकता है।

हिंदुस्तान टाइम्स ब्यूरो

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