डर्मेस्टोकोप की सहायता से चर्म रोग के कैंसर का आसानी से पता चल जाता है। इसमें रोगी के यदि त्वचा का कैंसर भी हो तो भी बिना किसी चीरफाड़ या बायोप्सी से शरीर के अंदुरुनी कोशिकाओं की गहराई से जाँच की जा सकती है। और रोग का प्रारंभिक अवस्था में ही निदान संभव हो जाता है। यह जानकारी विभिन्न विशेषज्ञों ने रविवार को महात्मा गाँधी अस्पताल के चर्म एवं यौन रोग विभाग तथा “इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ डर्मेटोलॉजिस्ट चैप्टर “जयपुर के सयुंक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला डर्माकोन -2018 में दी