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पोस्टग्रेजुएट स्वीपर महिला बनी असिस्टेंट एंटोमोलॉजिस्ट

पोस्टग्रेजुएट स्वीपर महिला बनी असिस्टेंट एंटोमोलॉजिस्ट

पोस्टग्रेजुएट स्वीपर महिला बनी असिस्टेंट एंटोमोलॉजिस्ट

तानिया शर्मा

हैदराबाद में साइंस में पोस्टग्रेजुएट डिग्री होल्डर एक महिला स्वीपर के रूप में काम कर रही थी, लेकिन उसकी एजुकेशन को देखते हुए तेलंगाना के नगर प्रशासन मंत्री के.टी. रामा राव ने सोमवार को उन्हें ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में आउटसोर्सिंग के आधार पर सहायक कीटविज्ञानी की नौकरी ऑफर की.

ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट है अंबी रजनी

स्वीपर के तौर पर काम कर रही पोस्ट ग्रेजुएट महिला का नाम अंबी रजनी है. अंबी की कहानी इस बात का जीता-जागता सबूत है कि उच्च शिक्षा कुछ सामाजिक रूप से वंचित वर्गों के लिए उच्च अफसरों का वीजा नहीं है.

ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी की उम्मीदवार रजनी को जीएचएमसी में कॉन्ट्रैक्ट स्वीपर के रूप में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा था. दरअसल उनके पास बेहतर नौकरी पाने के लिए न तो शक्ति थी और न ही संसाधन.

एक प्रमुख तेलुगु दैनिक में महिला के बारे में प्रकाशित एक रिपोर्ट को जब तेलंगाना के नगर प्रशासन मंत्री के.टी. रामा राव ने पढ़ा तो उन्होंने महिला को अपने कार्यालय में बुलाकर उसे उसकी योग्यता के अनुरूप नौकरी ऑफर की.

बच्चों के जिम्मेदारी के लिए उठाई झाड़ू

पति के छोड़े जाने के बाद बच्चों की पूरी जिम्मेदारी रजनी के कंधों पर आ गई इसलिए वे बिना कुछ सोचे झाड़ू लेकर हैदराबाद शहर की सड़कों पर निकल पड़ी। आशा का मानना है कि कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता। साल 2019 में वे पहली बार परीक्षा में बैठी और सफल भी हुई।

रजनी ने फर्स्ट ग्रेड के साथ एमएससी पास की थी

वारंगल जिले की रहने वाली रजनी का जन्म खेतिहर मजदूरों के परिवार में हुआ था. वित्तीय समस्याओं के बावजूद, उसने माता-पिता के समर्थन से अपनी पढ़ाई जारी रखी और 2013 में फर्स्ट ग्रेड के साथ एमएससी (ऑर्गेनिक केमिस्ट्री) पास की. उसने हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पीएचडी के लिए भी क्वालीफाई किया था, लेकिन इस बीच उसने एक वकील से शादी कर ली और हैदराबाद शिफ्ट हो गई.

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