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Pak के अरशद नदीम ने नीरज चोपड़ा को गोल्ड जीतने पर दी बधाई

Pak के अरशद नदीम ने नीरज चोपड़ा को गोल्ड जीतने पर दी बधाई

Pak के अरशद नदीम ने नीरज चोपड़ा को गोल्ड जीतने पर दी बधाई

तानिया शर्मा

भारत के नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में भारत का सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया है और वो पहले भारतीय बन गये हैं, जिन्होंने भाला फेंक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है। भारत के लिए गर्व की बात इसलिए भी है, क्योंकि 121 साल के ओलंपिक इतिहास में पहला मौका है, जब किसी भारतीय खिलाड़ी ने एथिलेटिक्स में गोल्ड मेडल जीता हो। लेकिन, नीरज चोपड़ा के जीतने के बाद पाकिस्तान में बवाल मच गया है। लोग पाकिस्तानी नेताओं से तीखे सवाल पूछ रहे हैं, कि जब भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक में इतिहास बना सकते हैं, तो फिर पाकिस्तानी खिलाड़ी क्यों नहीं?

पाकिस्तान में बवाल

भारत के नीरज चोपड़ा के साथ साथ पाकिस्तान के अरशद नदीम भी आखिरी राउंड में पहुंचे थे। अरशद नदीम पहले क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने एथिलेटिक्स की तरफ अपना कदम बढ़ा दिया। वो नीरज चोपड़ा को अपना आदर्श भी मानते हैं। वहीं, कल हुए मुकालबे में पाकिस्तानी खिलाड़ी अरसद नदीम पांचवें नंबर पर रहे और फिर पाकिस्तान में बवाल मच गया। पाकिस्तान के लोग भारतीय विजेता नीरज चोपड़ा को जरूर बधाई दे रहे हैं।

ऐसा रहा नीरज का प्रदर्शन

नीरज ने छह प्रयास में अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो 87.58 मीटर का फेंका और स्वर्ण पदक अपने नाम किया। छह में से उनके दो प्रयास फाउल रहे थे। नीरज ने पहले प्रयास में 87.03 मीटर का थ्रो फेंका। इसके बाद वह 87.58 मीटर की दूरी तक भाला फेंकने में सफल रहे। तीसरे प्रयास में नीरज ने 76.79 मीटर की दूरी तय की। चौथे और पांचवें प्रयास में वह फाउल कर गए। छठे प्रयास में वह 84.24 मीटर की दूरी तय कर सके।

ओलिंपिक में जेवलिन थ्रो के क्या हैं नियम

प्रतियोगिता के नियमों के अनुसार, अंतिम राउंड के पहले दौर में, प्रत्येक प्रतियोगी को थ्रो करने के लिए तीन प्रयास करने की अनुमति होती है। इसमें से सर्वश्रेष्ठ प्रयास को मान्यता दी जाती है। शीर्ष आठ एथलीट अगले राउंड में जाते हैं जहां उन्हें तीन और प्रयास दिए जाते हैं। इन आठ ऐथलीट के कुल छह थ्रो में से सर्वश्रेष्ठ वैध प्रदर्शन करने वाले को विजेता घोषित किया जाता है।

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