जयपुर, फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी मंगलवार को भक्ति भाव के साथ श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा। मंगलवार को पूरे दिन त्रयोदशी रहेगी और रात दस बजकर सैंतीस मिनट पर चतुदर्शी तिथि आरंभ हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि त्रयोदशी और चुर्तदशी तिथि जिस रात्रि को होती हैं, उसी दिन महाशिव रात्रि पर्व मनाने का विधान है। इसलिए मंगलवार को ही महाशिवरात्रि पर पूजा होगी व भक्तजन उपवास रखेंगे। एक पौराणिक कथा अनुसार इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था।
महाशिवरात्रि के दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद अपने प्रिय देवता के दर्शन के लिए मंदिर जाते हैं. शिव भक्त इस दिन भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन अभिषेक को काफी अहम माना जाता है. इस दिन शिव भक्त ओम नम: शिवाय मंत्र के उच्चारण के साथ शिवलिंग का दूध, शहद, दही और चंदन से अभिषेक करते हैं. इसके अलावा बेर, बेलपत्र और फूल आदि भी भगवान को अर्पित किए जाते हैं,शिव भक्त सदियों से अनुशासन और समर्पण के साथ महाशिवरात्रि का उपवास करते आ रहे हैं. शास्त्रों का कहना है अगर को कोई भक्त पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ इस व्रत को करता है तो भगवान शिव उसे सभी प्रकार के पापों से मुक्त कर समृद्धि और आशीर्वाद देते हैं।