मुजफ्फरपुर। एक ओर जहां पूरे बिहार से रोजगार के लिए लोग दूसरे राज्यांे मंे पलायन कर रहे हैं। ठीक इसके विपरीत एक गांव ऐसा भी है, जहां एक भी व्यक्ति बेरोजगार नहीं है। रोजगार का साधन भी यहां के लोगांे ने स्वयं ही तैयार किया है। आलम यह है कि आसपास के गांव के लोग भी प्रगति कर रहे हैं। यह सब संभव हुआ है 37 साल पूर्व उधार लेकर एक युवक द्वारा चावल तैयार करने वाली मशीन सेलर के निमार्ण से।
यह युवक है शीतलपुर गांव का वासुदेव शर्मा। इसने तब जापान मंे एक श्रमिक की हैसियत से सेलर मशीन बनाने की ट्रेनिंग ली। आज इसकी प्रेरणा से गांव मंे 90 इकाइयां स्थापित हो चुकी हैं। इस गांव मंे हर हाथ को रोजगार उपलब्ध है और खुशहाली छाई हुई है। आसपास के राज्यांे से भी लोग यहां पर प्रशिक्षण लेने आते हैं।
हर ग्रामीण को काम, 70 करोड़ रूपये का टर्न ओवर
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