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भारत के पहले विमानवाहक पोत विक्रांत का समुद्र में परीक्षण शुरू

भारत के पहले विमानवाहक पोत विक्रांत का समुद्र में परीक्षण शुरू

भारत के पहले विमानवाहक पोत विक्रांत का समुद्र में परीक्षण शुरू

अनुष्का शर्मा

जटिल युद्धपोत

चार अगस्त (भाषा) भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक जहाज ‘विक्रांत’ का बुधवार को समुद्र में परीक्षण शुरू हो गया। यह देश में निर्मित सबसे बड़ा और जटिल युद्धपोत है।

भारतीय नौसेना ने इसे देश के लिए ‘‘गौरवान्वित करने वाला और ऐतिहासिक’’ दिन बताया और कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों में शुमार हो गया है जिनके पास विशिष्ट क्षमता वाला स्वदेशी रूप से डिजाइन किया, निर्मित और एकीकृत अत्याधुनिक विमानवाहक पोत है।

सबसे बड़े स्वदेशी युद्धपोत की खूबियां

विमानवाहक पोत विक्रांत का वजन 40,000 टन है। यह विमानवाहक पोत करीब 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है। इस जहाज पर 30 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर तैनात किये जा सकते हैं। इस जहाज पर मिग-29के लड़ाकू विमानों एक बेड़ा तैनात किया जाएगा। यही नहीं यह विमान वाहक पोत केए-31 हेलीकॉप्टरों से भी लैस होगा।

कोचीन शिपयार्ड किया है तैयार

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि यह भारत में बना सबसे बड़ा और विशालकाय युद्धपोत है। आज ऐतिहासिक दिन है। साल 1971 के युद्ध में जीत में अहम भूमिका निभाने वाले अपने शानदार पूर्ववर्ती जहाज के 50वें साल में यह समुद्री ट्रायल के लिए रवाना हुआ है। यह आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की पहल में एक बड़ा योगदान है। इस विमानवाहक जहाज को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने निर्मित किया है।

23 हजार करोड़ रुपये लागत

 

चीन की चुनौतियों से निपटने में होगी आसानी

मालूम हो कि देश में अभी एक ही विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य है। भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में चीन और पाकिस्‍तान की बढ़ती चुनौतियों से निपटने पर जोर दे रही है। नौसेना हिंद महासागर में सैन्य मौजूदगी बढ़ाने की चीन की बढ़ती कोशिशों को देखते हुए अपनी संपूर्ण क्षमता को बढ़ाने पर जोर दे रही है। सामरिक और रणनीतिक लिहाज से हिंद महासागर बहुत महत्वपूर्ण है। इस युद्धपोत के भारतीय सेना में शामिल होने से दुश्‍मन देशों पर एक बड़ा दबाव बन सकेगा।

 

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