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ओलंपिक में 20 साल बाद दिखेगा भारतीय घुड़सवार

ओलंपिक में 20 साल बाद दिखेगा भारतीय घुड़सवार

ओलंपिक में 20 साल बाद दिखेगा भारतीय घुड़सवार

अनुष्का शर्मा

दो दशक में ऐसा पहली बार होगा जब ओलंपिक खेलों में इक्वेस्टेरियन (घुड़सवारी) में कोई खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व करेगा. एशियन गेम्स के सिल्वर मेडलिस्ट फवाद मिर्जा ने टोक्यो ओलंपिक-2020 (Tokyo Olympics 2020) का टिकट कटा लिया हैI वे 20 साल में ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले पहले घुड़सवार हैं.

फवाद मिर्जा ने अब तक अपने घुड़सवारी के टेलेंट से सभी को प्रभावित किया है. अपने घोड़े सिग्नूर मेडिकॉट की सवारी करते हुए 29-वर्षीय फवाद ने सभी राउंड- ड्रेसेज, क्रॉस-कंट्री, जंपिंग क्वॉलिफायर और जंपिंग फाइनल के पूरा होने के बाद 59.60 पेनल्टी पॉइंट्स हासिल किए।

कम पेनल्टी पॉइंट्स हासिल करने वाला घुड़सवार होगा विजेता

इस स्पर्धा में सबसे कम पेनल्टी पॉइंट्स हासिल करने वाला घुड़सवार विजेता होता है। मिर्जा ने 47.20 के मजबूत स्कोर के साथ व्यक्तिगत इवेंट के फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है. हालांकि, फवाद मिर्जा के मेडल जीतने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं, लेकिन ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचकर उन्होंने एक खास उपलब्धि हासिल कर ली.

कुल 25 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं

इस बात से बेहद खुश हैं कि वे ओलंपिक में भारत को कोटा दिला सके. फवाद मिर्जा और उनके घोड़े सेगनुएर मेडिकोट 12वें स्थान पर चल रहे हैं. इस इवेंट में कुल 25 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं. उन्होंने इससे पहले एशियन गेम्स में 36 साल से चला आ रहा पदकों का सूखा खत्म किया थाI
फवाद मिर्जा और उनके घोड़े ‘सेगनुएर मेडिकोट’ ने ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेते ही इतिहास रचा है. दरअसल, फवाद मिर्जा दो दशक के बाद ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले भारत के पहले घुड़सवार हैं. फवाद मिर्जा से भारत को भविष्य में बड़ी उम्मीदें हैं I

फवाद मिर्जा का में इक्वेस्टेरिन खेलना पिछले साल नवंबर में ही तय हो गया था, लेकिन तब इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी. यह घोषणा मंगलवार को हुई जब इंटरनेशनल इक्वेस्टेरिन फेडेरेशन (एफईआई) ने अपनी रैंकिंग जारी की. फवाद दक्षिण-पूर्व एशिया-ओसनिया जोन में सबसे ज्यादा ओलंपिक क्वालीफिकेशन अंक हासिल करने वाले राइडर बनकर उभरे और ओलंपिक कोटा हासिल करने में सफल रहे.

 

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