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उत्तराखंड में पहली बार नजर आई उड़ने वाली गिलहरियां

उत्तराखंड में पहली बार नजर आई उड़ने वाली गिलहरियां

उत्तराखंड में पहली बार नजर आई उड़ने वाली गिलहरियां

हरिशा पुनिआ

बदलते समय के साथ- साथ प्रकृति के कई अलग- अलग रूप देखने को मिलते हैं. कुछ ऐसा ही देखने को मिला है उत्तराखंड में, जहां लगभग विलुप्त होने के कगार पर पहुंची उड़न गिलहरी की पांच प्रजातियां देखने को मिली है. दरअसल उत्तराखंड वन विभाग के अनुसंधान विंग ने एक अध्ययन किया है. इस अध्ययन में उत्तराखंड राज्य में उड़ने वाली गिलहरी की पांच अलग-अलग प्रजातियों के अस्तित्व को दर्ज किया गया है. पांच प्रजातियां हैं रेड जाइंट फ्लाइंग गिलहरी, व्हाइट बेलिड फ्लाइंग गिलहरी, इंडियन जाइंट फ्लाइंग गिलहरी, वॉली फाइलिंग गिलहरी और कश्मीर फ्लाइंग गिलहरी है.

यह अध्ययन उत्तराखंड वन विभाग की अध्यक्षता वाली अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) ने किया गया था. यह अध्ययन दो साल तक चला और इसमें प्रतिष्ठित शोध संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल थे. मुख्य वन संरक्षक (अनुसंधान), संजीव चतुर्वेदी ने कहा, ‘उड़न गिलहरी एक अत्यंत दुर्लभ प्रजाति है. इसकी संख्या अत्यंत कम रह गई थी और यह अपने विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई थी. इसलिए इसके संरक्षण हेतु एक विशेष प्रोजेक्ट शुरू किया गया था. इस दौरान यह जानकारी सामने आई है और इन विलुप्त हो रही प्रजातियों का पता लगा है. इनका उपयोग करते हुए इन्हें संरक्षित करने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना भी तैयार की जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि ‘परियोजना का मुख्य उद्देश्य राज्य भर में इसके वितरण, आवास प्रकार, खतरों का अध्ययन करना और उचित संरक्षण रणनीति तैयार करना था’.

पहली बार दिखी ये प्रजातियां

ये प्रजातियां उत्तराखंड में पहली बार नजर आई हैं. इनमें से कुछ प्रजातियां लगभग 4 दशक के बाद दिखाई पड़ी हैं. इन उड़न गिलहरियों के अगले और पिछले पंजों के बीच में एक झिल्ली होती है जो एक पैराशूट की तरह खुल जाती है, जब यह गिलहरियां एक जगह से दूसरी जगह तक कूदने की कोशिश करती हैं.

खास है ये गिलहरियां

यह गिलहरी खास है, क्योंकि यह उड़ सकती है. इसलिए इनके नाम के पीछे फाइलिंग गिलहरी कर दिया गया है. इन सभी गिलहरी के शरीर ऊन की तरह झब्बेदार होते हैं. इसे ऊनी उड़न गिलहरी भी कहा जाता है.

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