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रेगिस्तान में अनार की खेती से करोड़ों की कमाई

रेगिस्तान में अनार की खेती से करोड़ों की कमाई

रेगिस्तान में अनार की खेती से करोड़ों की कमाई

अंजलि तंवर

पश्चिमी राजस्थान के किसानों अब मूंगफली, बाजरा और ग्वार की फसल छोड़ अनार की खेती शुरू कर दी है। रेगिस्तान में किसानों का यह प्रयोग सफल भी रहा। किसान एक साल में 1 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई कर रहे हैं। सिरोही, जालोर और बाड़मेर जिले के बाद अब बीकानेर के किसान अनार की खेती से करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। यहां के 5 गांवों के 12 बगीचों में एक लाख पौधों से अनार की बंपर पैदावार हो रही है।

बीकानेर के देशनोक, पलाणा, मान्याणा, देशलसर और नपासार के किसानों ने 4 साल पहले परंपरागत खेती को छोड़ दिया था। किसानों ने अनार की खेती शुरू की। किसान बताते हैं कि पारंपरिक खेती की एक बुवाई से 50 हजार रुपए तक की कमाई होती थी, लेकिन इन खेतों को अनार के बगीचों में तब्दील कर करोड़ों रुपए कमा रहे हैं।

मान्याणा गांव के ही ओम प्रकाश भांभू ने कुछ पौधों के रूप में अनार का बगीचा लगाया था। पहली बार में ही कुछ टन अनार पेड़ से उतरी तो उन्हें इस खेती में उम्मीद नजर आई।

इसके बाद तो पौधों की संख्या बढ़ाई गई। जो अब चार हजार तक पहुंच गई है। उनका कहना है कि एक पौधा कम से कम 25 साल तक फल देता है। अकेले भांभू ही नहीं बल्कि बीकानेर में देशनोक के आसपास ही आधा दर्जन खेत अब अनार के बगीचों में बदल गए हैं।

सिंदूरी अनार का गढ़ बन रहा है बीकानेर

पिछले कुछ सालों में पश्चिमी राजस्थान ने देश के अनार बाजार पर कब्जा करना शुरू कर दिया है। जालोर, सिरोही, बाडमेर, जैसलमेर, जोधपुर के बाद अब बीकानेर में अनार की बंपर फसल देश की कुल अनार फसल का बड़ा हिस्सा है। किसानों को उम्मीद है कि वो दिन दूर नहीं जब अनार की सर्वाधिक खेती राजस्थान में हो रही होगी।

दरअसल, महाराष्ट्र में किसानों के पास जमीन कम है, इसलिए उनके अनार के बगीचे छोटे हैं। यहां एक किसान के पास दस से पंद्रह बीघा जमीन का बगीचा है। महाराष्ट्र में एक-दो बीघा जमीन वाले किसान है। ऐसे में भारत में सर्वाधिक अनार उत्पादन राजस्थान से हो सकती है। जोधपुर और सिरोही में तो कई किसानों के पास दस से पंद्रह हजार पौधों के बगीचे भी हैं। बीकानेर में भी अब ये ट्रेंड बढ़ रहा है।

 

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