निशिता
सड़कों पर सीएनजी से चलती बसें, ऑटो और कारें तो बहुत देखी होंगी, लेकिन अब आप खेतों में CNG से चलने वाले ट्रैक्टर भी देखेंगे। जो न सिर्फ जेब के लिए किफायती होंगें वहीं इससे प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी।
कल ही केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देश का पहला सीएनजी ट्रैक्टर लॉन्च किया है। इस दौरान गडकरी ने बताया कि किसान अब अपने पुराने ट्रैक्टर में भी CNG किट फिट करा सकेंगे। इसकी विस्तृत जानकारी जल्द जारी होगी।
इस मौके पर गडकरी ने सीएनजी से चलने वाले ट्रेक्टर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कृषि में ट्रैक्टर के इस्तेमाल से औसत प्रति घंटा 4 लीटर डीजल लगता है (खर्च ट्रैक्टर के हार्सपावर पर निर्भर करता है) इसका खर्च 78 रुपए प्रति लीटर के अनुसार 312 रुपए आता है।
वहीं, सीएनजी से ट्रैक्टर चलने में 4 घंटे में 180 रुपए के करीब सीएनजी खर्च होने का अनुमान है। एक अनुमान के मुताबिक, इससे किसानों को सालाना 1 लाख रुपये का फायदा होगा।
सीएनजी ट्रैक्टर की तकनीक भी काफी कुछ मौजूदा सीएनजी वाहनों की तरह है। जिस प्रकार इन वाहनों को शुरू करने के लिए पेट्रोल या डीजल की जरूरत पड़ती है, वैसे ही ट्रैक्टर को शुरू करने के लिए भी डीजल जरूरी होगा।
नितिन गडकरी ने ट्रैक्टर की लॉन्चिंग के समय बताया कि अन्य सीएनजी वाहनों की तरह शुरुआत में इसे भी स्टार्ट करने के लिए डीजल की जरुरत होगी। इसरे बाद ये सीएनजी से चलेगा।
कृषि में इस्तेमाल होने अन्य उपकरणों को भी बायोसीएनजी में कनवर्ट करने की योजना है। देश में करीब 60 फीसदी कारें, ट्रक, बस और ट्रैक्टर डीजल से चलते हैं।
कुल खपत होने वाले डीजल का 13 फीसदी ट्रैक्टर, कृषि उपकरण और पंपसेट आदि में प्रयोग होता है।