Biyani Times

सिविल सेवा कॅरियर विकल्प

पिछले गत वर्षों से अभिभावक भी यही चाहते हैं कि डॉक्टर, इंजीनियर के अलावा उनके बच्चे सिविल सेवा में जायें। इसके लिए वे अपने बच्चों को पहले से ही तैयार कर रहे हैं। यदि जो छात्र बारहवीं में हैं या जाने वाले हैं और ऐसे छात्र सिविल सेवा की तैयारी करना चाहते हैं तो ये परीक्षा उनके लिए स्वर्णिम अवसर प्रदान करती है इसके अलावा सिविल सेवा का नया पैटर्न ऐसे छात्रों के लिए उत्साह का संदेश है। क्योंकि नवीन पाठ्यक्रम में प्रथम प्रश्न-पत्र सामान्य अध्ययन, द्वितीय सी सैट (सिविल सर्विसेज एपटीट्यूट टेस्ट) का होता है। जबकि मुख्य परीक्षा में एक वैकल्पिक विषय के साथ सामान्य अध्ययन के चार प्रश्न-पत्र, निबंध व अंग्रेजी और प्रादेशिक भाषा का एक-एक अनिवार्य प्रश्न-पत्र होता है। अंतिम चरण में साक्षात्कार होता है। इसके लिए जो पाठ्यक्रम बनाया गया है वास्तव में देखा जाए तो इसका अधिकांश भाग बारहवीं कक्षा व स्नातक के पाठ्यक्रम से मिलता-जुलता है। जो छात्र आईएएस की परीक्षा में भाग लेकर सफल होना चाहते हैं उन्हें बारहवीं के बाद ही तैयारी की शुरुआत कर देनी चाहिए। इस तरह की तैयारी से वो बारहवीं व स्नातक में तो अच्छे अंक लेकर आयेगा ही इसके साथ-साथ सिविल सेवा में निश्चित ही सफल हो पाएगा।वे अभ्यर्थी या छात्र जो बारहवीं के बाद से ही आईएएस की तैयारी करके इसमें सफल होना चाहते हैं, उनके लिए निम्न सुझाव इस प्रकार से हैं :
१. कक्षा छठीं से लेकर के बारहवीं तक सभी एनसीआरटी पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए।
२. जो विषय कठिन लग रहे हों उनकी कमियों को दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए जैसे साइंस के विद्यार्थियों को सामान्य अध्ययन में अच्छी तैयारी करनी चाहिए व आर्ट्स के विद्यार्थियों को गणित व तर्कशक्ति का प्रयास करना चाहिए।
३. इसी उम्र से लिखने का प्रयास करना चाहिए।
४. करंट जी.के. की जानकारी के लिए न्यूज चैनल उनकी डिबेट्स, समसामयिक पत्र व पत्रिकाएं जैसे योजना, कुरूक्षेत्र, दर्पण आदि का अध्ययन करना चाहिए।
५. किसी राष्ट्रीय समाचार-पत्र का अध्ययन करना चाहिए जैसे ‘द हिंदू।
बारहवीं के बाद स्नातक के दौरान तैयारी करने वाले छात्र इसलिए भी फायदे में रहते हैं क्योंकि अभी उनकी उम्र १८-१९ वर्ष की होती है जबकि सिविल सेवा में बैठने की आयु २१ वर्ष न्यूनतम है, अत: २-३ वर्ष का ऐसे अभ्यर्थियों को लाभ मिलता है।

Exit mobile version